Balaghat Ballot Case : बालाघाट के नोडल अधिकारी को प्रकियात्मक त्रुटि के कारण निलंबित किया!

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Balaghat Ballot Case : बालाघाट के नोडल अधिकारी को प्रकियात्मक त्रुटि के कारण निलंबित किया!

Bhopal : बालाघाट में समय से पहले डाक मतपत्रों की समय से पहले शॉर्टिंग को लेकर मचे बवाल पर जो बयान सामने आए, उनमें ही उलझन नजर आ रही है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा डाक मतपत्रों को 3 बजे खोला जाना था, पर 1.30 पर ही खोल लिया गया। जबकि, बालाघाट कलेक्टर बयान में भी विरोधाभास है। उनका कहना है कि इन मतपत्रों को 2 दिसंबर को खोला जाना था।

इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बालाघाट में डाक मतपत्रों को समय से पहले खोले जाने को लेकर कहा कि नोडल अधिकारी को प्रकियात्मक त्रुटि के कारण निलंबित किया गया। मतपत्र की किसी तरह की गिनती नहीं हुई। केवल डाक मतपत्रों की विधानसभावार शॉर्टिंग (छंटनी) की जा रही थी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजदूगी में मतपत्रों की छंटनी की गई थी।

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उन्होंने कहा कि मतपत्रों की शॉर्टिंग 3 बजे निर्धारित समय से शॉर्टिंग होना थी। लेकिन, नोडल अधिकारी ने 1:30 बजे से ही शॉर्टिंग शुरू कर दी थी। शॉर्टिंग की सूचना भी ठीक तरह से नहीं दी थी। इसलिए प्रकियात्मक त्रुटि के कारण नोडल अधिकारी को हटाया गया है। चुनाव आयोग को इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है।

बालाघाट कलेक्टर का बयान
उधर, बालाघाट के जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना जानकारी दिए मतपत्रों की शॉर्टिंग का काम किया जा रहा था। तहसील कार्यालय में मतपत्र की शॉर्टिंग के काम में लापरवाही पर एआरओ व लालबर्रा तहसीलदार हिम्मत सिंह भवेदी को चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया। एआरओ ने 3 बजे के बजाए डाल मतपत्र 1.30 बजे ही खोल दिए। बालाघाट के के जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर ने कहा कि डाक मतपत्रों की शॉर्टिंग 2 दिसंबर को होना थी। अभ्यर्थियों को जानकारी दी इसलिए 27 नवंबर को ही शुरू कर दी।

बालाघाट में सोमवार को एआरओ हिम्मत सिंह ने डाक मतपत्रों की पेटी खुलवाकर विधानसभावार सॉर्टिंग करवाई थी। कांग्रेस ने इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन को शिकायत की थी और आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों में हेराफेरी की गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। वहीं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी मामले की जानकारी मंगाई थी। भाजपा के प्रवक्ता बालाघाट जिला प्रशासन की कार्रवाई का बचाव करते हुए कांग्रेस के आरोपों पर सवाल उठा रहे हैं।

कमलनाथ की अफसरों को चेतावनी
बालाघाट में डाक मतपत्रों को खोलने के मसले पर सियासत गर्मा गई है। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने एआरओ हिम्मत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मसले पर अधिकारियों को सख्त शब्दों में हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि बालाघाट में जो हुआ है, वह कदाचरण की श्रेणी में आता है।

कमलनाथ ने इस मामले में सोशल मीडिया पर लिखा कि पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा लोकतंत्र के बुनियादी उसूल हैं। सोमवार को बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है। मैं चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस समय वह निर्वाचन आयोग के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, जो मध्य प्रदेश सरकार से अलग एक स्वायत्त संस्था है।

वे इस समय किसी पार्टी या मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे हैं। सभी अधिकारी-कर्मचारियों से निवेदन है कि वह किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है। एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जनता के पास है। मैं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करता हूं कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए कड़े से कड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें। तीन दिसंबर को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर जनता की मुहर लग जाएगी। इसलिए वे निर्द्वंद्व होकर अपने कार्य में जुट जाएं। सत्यमेव जयते।

कांग्रेस ने उठाए हैं सवाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि जब चुनाव आयोग के ही स्पष्ट निर्देश हैं कि डाक मतपत्रों की भी गणना तीन दिसंबर के दिन सुबह आठ बजे होगी तो बालाघाट में 27 नवंबर को स्ट्रॉन्ग रूम कैसे खोला गया, क्या इस कार्य के लिए चुनाव आयोग के ही निर्देश थे? कलेक्टर आरओ कह रहे हैं कि कांग्रेस को कुछ कंफ्यूजन है तो फिर नोडल अफसर को सस्पेंड क्यों किया गया? असली दोषी तो वही कलेक्टर है,जिनसे उक्त कृत्य की अब निर्वाचन पदाधिकारी जांच करवाएंगे! क्या राज्य की पूरी जनता मूर्ख और समझदार सिर्फ आप ही हैं?

निलंबित करने की यह वजह
इससे पहले कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने एआरओ हिम्मत सिंह को निलंबित करने की भी यही वजह बताई थी। गिरीश मिश्रा का कहना है कि हिम्मत सिंह ने 3 बजे स्ट्रॉन्ग रूम खोलने की मौखिक अनुमति ली थी। उन्होंने डेढ़ बजे ही स्ट्रॉन्ग रूम खोल दिया। यह नियमों के विपरीत है। इसी वजह से उन्हें निलंबित किया गया।

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