Ban on Anil Ambani : सिक्योरिटीज मार्केट से अनिल अंबानी 5 साल के लिए बैन, 25 करोड़ जुर्माना!

कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई, ग्रुप के शेयर 14% तक गिरे!  

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Ban on Anil Ambani : सिक्योरिटीज मार्केट से अनिल अंबानी 5 साल के लिए बैन, 25 करोड़ जुर्माना!

New Delhi : मार्केट रेगुलेटर ‘सेबी’ ने अनिल अंबानी तथा रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य को कंपनी से पैसे के हेर-फेर के मामले में प्रतिभूति बाजार से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। ‘सेबी’ ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया। उन्हें पांच साल की अवधि के लिए प्रतिभूति बाजार से जुड़ने पर बैन लगा दिया गया है।

इस अवधि में वे किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी इंटरमीडिएटरी में डायरेक्टर या केएमपी (Key Managerial Personnel) के रूप में शामिल नहीं हो सकेंगे। सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस को भी प्रतिभूति बाजार से 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। उस पर भी 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इस कार्यवाही के बाद अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई और ग्रुप के शेयरों में 14% तक गिर गए।

222 पन्नों के अपने अंतिम आदेश में सेबी ने कहा कि अनिल अंबानी ने सीनियर अधिकारियों की मदद से रिलायंस होम फाइनेंस से पैसों के गबन के लिए एक धोखाधड़ी की साजिश रची। इसे सहायक कंपनियों के लोन के रूप में दिखाया गया। कंपनी के बोर्ड ने इस तरह के ऋण देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए और कॉर्पोरेट ऋणों की नियमित समीक्षा की। लेकिन, कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की। सेबी ने कहा कि इससे पता चलता है कि कामकाज के तरीके में बड़ी त्रुटि हुई, जिसे अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों ने अंजाम दिया।

यह साजिश ऐसे रची गई 

सेबी के मुताबिक, इन परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी को धोखाधड़ी में शामिल लोगों के समान जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। नियामक ने कहा कि इसके अलावा, शेष संस्थाओं ने या तो अवैध रूप से हासिल ऋणों के प्राप्तकर्ता होने की भूमिका या आरएचएफएल से धन को अवैध रूप से कहीं ओर पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम देने में भूमिका निभाई। सेबी ने कहा कि उसके निष्कर्षों के अनुसार धोखाधड़ी की एक साजिश नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) ने रची और आरएचएफएल के केएमपी ने इसे अंजाम दिया। इस साजिश के जरिए लिस्टेड कंपनी से धन की हेराफेरी की गई और उन अयोग्य उधारकर्ताओं को ऋण के रूप में दिया गया जो नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) से संबद्ध संस्थाओं के प्रवर्तक पाए गए।

शेयरों में गिरावट दर्ज की गई 

अधिकतर उधारकर्ता अपने ऋण चुकाने में विफल रहे, इस कारण आरएचएफएल को अपने स्वयं के ऋण दायित्वों पर चूक करनी पड़ी। इस कारण आरबीआई ढांचे के तहत कंपनी का समाधान हुआ, जिससे इसके सार्वजनिक शेयरधारक मुश्किल स्थिति में आ गए। मिसाल के तौर पर मार्च 2018 में आरएचएफएल का शेयर मूल्य करीब 59.60 रुपए था। मार्च 2020 तक जब धोखाधड़ी की सीमा स्पष्ट हो गई और कंपनी के संसाधन समाप्त हो गए, तो शेयर की कीमत गिरकर केवल 0.75 रुपए रह गई। अब भी 9 लाख से अधिक लोगों ने आरएचएफएल में निवेश कर रखा है और उन्हें भारी नुकसान का उठाना पड़ रहा।

सेबी ने 24 लोगों पर जुर्माना लगाया

रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर शाह प्रतिबंधित 24 में शामिल हैं। सेबी ने मामले में उनकी भूमिका के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा, नियामक ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपए, बापना पर 27 करोड़ रुपए, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपए और शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अतिरिक्त, रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट एलटी, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित शेष संस्थाओं पर 25-25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।