New Delhi : केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने होटलों, रेस्तरां और ढाबों जैसे खाने के ठिकानों को बिल में सर्विस चार्ज लगाने से प्रतिबंधित कर दिया। जबरन सर्विस चार्ज वसूली को लेकर मिल रही शिकायतों के बीच CCPA ने उपभोक्ता के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए नए नियम तय किए हैं।
होटल या रेस्तरां में खाने के बिल के साथ सर्विस चार्ज भी लिया जाता था। अक्सर लोग खाने के बिल में इस सर्विस चार्ज पर ध्यान नहीं देते, लेकिन यह बिल में सबसे नीचे की ओर लिखा होता है। अभी तक खाने के बिल का 5% सर्विस चार्ज के रूप में लिया जाता रहा है। अब CCPA ने इस पर रोक लगा दी।
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप किसी रेस्तरां में खाना खाने जाएं और रेस्तरां आपके बिल में खाने के साथ-साथ सेवा शुल्क (Service Charge) का भी पैसा जोड़ दें, तो आप सेवा शुल्क देने से मना कर सकते हैं। 2017 में भी केंद्र सरकार ने कहा था कि सर्विस चार्ज या सेवा शुल्क देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता। लेकिन केंद्र सरकार की और से अधिसूचना जारी होने के 5 साल बाद भी देश भर में ज़्यादातर रेस्तरां सेवा शुल्क ले रहे थे। यही नहीं, केंद्र सरकार की मिनी-रत्न कंपनियों में शुमार IRCTC भी सर्विस चार्ज वसूल रही है।
नए दिशा निर्देश जारी होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर अपने खाने के बिल शेयर करके सवाल पूछ रहे हैं कि अब क्या बदल जाएगा! वहीं, होटल और रेस्तरां एसोसिएशन की और से इन दिशानिर्देशों को ग़ैर-ज़रूरी बताया जा रहा है। बताया जा रहा कि इस बार के दिशा-निर्देश अलग और ज़्यादा प्रभावी हैं! क्योंकि इन्हें उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत बनाए गए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने जारी किया है। इसका मुख्य काम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने की सज़ा और 20 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
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सवाल उठता है कि होटल या रेस्तरां की और से नियमों का उल्लंघन करने और उसकी शिकायत करने की प्रक्रिया कितनी सहज है। क्योंकि, भारत में उपभोक्ता मामलों में अक्सर लेट-लतीफ़ी की वजह से लोग उपभोक्ता मामलों को कोर्ट में ले जाने से बचते हैं।
CCPA के नए दिशा निर्देश
● होटल या रेस्तरां खाने के बिल में सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकेगा।
● किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा।
होटल या रेस्तरां सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
● होटल या रेस्तरां स्पष्ट तौर पर बताएगा कि सेवा शुल्क देना ऐच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता का अधिकार है।
● रेस्तरां सेवा शुल्क नहीं लगा पाने की वजह से सेवाएं देने से मना नहीं कर सकेंगे।
● सेवा शुल्क को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर GST लगाकर नहीं लिया जा सकेगा।
● उपभोक्ता अनुचित व्यापार कार्य प्रणाली के ख़िलाफ़ उपभोक्ता आयोग में शिकायत भी दर्ज करा सकता है।
● होटल या रेस्तरां दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क लगा रहा है, तो उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्तरां से सेवा शुल्क को बिल राशि से हटाने का अनुरोध कर सकता है।
● उपभोक्ता जांच और CCPA द्वारा आगे की कार्यवाही के लिए सम्बद्ध जिले के ज़िला कलेक्टर को शिकायत दर्ज करा सकता है।
उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) 1915 पर कॉल करके या NCH मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकता है।