Ban on Sand : प्रदेश में एक जुलाई से तीन महीने तक रेत खनन और परिवहन पर रोक! 

30 जून तक स्टोरेज फैसिलिटी में जमा रेत से ही 30 सितंबर तक व्यापार होगा!

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Ban on Sand : प्रदेश में एक जुलाई से तीन महीने तक रेत खनन और परिवहन पर रोक! 

Bhopal : मध्य प्रदेश में रेत परिवहन पर रोक लगाई गई। रेत खदानों से खनन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। प्रदेश में एक जुलाई से तीन महीने तक रेत खनन नहीं होगा। मानसून के चलते यह फैसला लिया गया है। एमपी में एक जुलाई से 30 सितंबर तक रेत परिवहन पर रोक लगाई गई है। इस दौरान रेत खदानों से खनन पूरी तरह से बंद रहेगा। अब 30 जून तक स्टोरेज फैसिलिटी में जमा की गई रेत से ही 1 जुलाई से 30 सितंबर तक व्यापार होगा।

एक जुलाई से जिला प्रशासन की टीम अधिकृत स्टोरेज साइट्स पर जाकर रेट स्टॉक का वेरिफिकेशन करेगी। खदान से रेत लाकर स्टोर करने के लिए ईटीपी जारी होती है, इसके आधार पर स्टॉक की मात्रा तय होती है। मध्य प्रदेश में मानसून के चलते रेत परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया है। हर साल मानसून में खनन पर रोक लगाया जाता है। मप्र सरकार की तमाम नीति और नियमों के बावजूद प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन बढ़ता जा रहा है।

प्रदेश में खनिज विकास निगम ने 38 रेत समूहों का माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर के तौर पर चयन किया है। प्रदेश में 728 रेत खदानें वैध तरीके से चल रही हैं। 200 नई खदानें पर्यावरणीय अनुमति की प्रक्रिया में हैं। इनके समानांतर 200 से ज्यादा अवैध रेत खदानें भी चल रही हैं। जहां प्रतिबंधित भारी मशीनरी से नदियों का सीना छलनी कर लाखों जीवों के आवास तबाह कर अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही है।

शासन-प्रशासन अभी न इसे रोकने के पुख्ता इंतजाम कर पाया, न माफिया पर लगाम कसी। प्रदेश में मोटे तौर पर 2000 करोड़ का रेत का अवैध कारोबार जारी है। मिलीभगत ऐसी कि जून 2024 में तत्कालीन प्रमुख सचिव ने सभी संभागायुक्त और कलेक्टर्स को रेत की उपलब्धता वाले क्षेत्र खदान के रूप में घोषित करने के निर्देश दिए।