Bank Fraud Case: ED ने रुचि ग्रुप के इंदौर और मुंबई ठिकानों में छापे डाले – 20 लाख रुपए फ्रीज, 23 लाख नकदी और अहम कागजात जब्त

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ED Raid

Bank Fraud Case: ED ने रुचि ग्रुप के इंदौर और मुंबई ठिकानों में छापे डाले – 20 लाख रुपए फ्रीज, 23 लाख नकदी और अहम कागजात जब्त

के के झा की खास रिपोर्ट

इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की इंदौर जोनल टीम ने 23 दिसंबर को इंदौर और मुंबई के कई ठिकानों पर धावा बोलकर रुचि ग्रुप से जुड़े बैंक घोटाले की परतें खोल दीं। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत चली इस कार्रवाई से आरोपी पक्ष के बैंक खातों में 20 लाख से ज्यादा की रकम फ्रीज हो गई, जबकि 23 लाख रुपये से अधिक नकदी और अहम कागजात जब्त किए गए।

ED की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह जांच भोपाल CBI की दर्ज कई FIR पर टिकी है, जिसमें रुचि ग्लोबल लिमिटेड (अब एग्रोट्रेड एंटरप्राइजेज), रुचि एक्रोनी इंडस्ट्रीज (अब स्टीलटेक रिसोर्सेज) और आरएसएएल स्टील (अब एलजीबी स्टील) जैसी कंपनियां फंड डायवर्जन, राउंड-ट्रिपिंग और फर्जी लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए सार्वजनिक बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोपों में घिरी हैं। दिवंगत कैलाश चंद्र शाहरा और उमेश शाहरा द्वारा संचालित ये इकाइयां शेल कंपनियों के जाल बुनकर लोन की रकम निजी जेब में डालने का खेल खेलती रहीं, जिसमें बोगस बिक्री-खरीद के रिकॉर्ड बनाकर जानबूझकर घाटा दिखाया गया।

ED अधिकारियों के मुताबिक, घोटाले से बनी काली कमाई को लेयरिंग के जरिए वैध ठहराने की कोशिश की गई, लेकिन छापों में मिले डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों ने आरोपी परिवार व सहयोगियों की भूमिका उजागर कर दी। 2021 से चली आ रही CBI की कंसोर्टियम फ्रॉड जांच को अब ED ने नई गति दी है, और आगे संपत्ति जब्ती व फायदा उठाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
बताया गया है कि यह कदम बैंकिंग धांधली पर लगाम लगाने की दिशा में मजबूत इशारा है, जहां आम निवेशकों का पैसा डूबने से बचाना जरूरी हो गया है। जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, ऐसे में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।