Bank Loan With Fake Documents : बड़ी कंपनी का कर्मचारी बताकर बैंकों को 50 लाख का चूना लगाया!   

HDFC में 11 लाख के लोन के लिए आवेदन किया, पर शंका के आधार पर 2 पकड़े गए! 

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Bank Loan With Fake Documents : बड़ी कंपनी का कर्मचारी बताकर बैंकों को 50 लाख का चूना लगाया! 

Indore : विजय नगर पुलिस ने प्रतिष्ठित कंपनी ब्लू स्टार की फर्जी सैलरी स्लिप बनाकर लाखों का पर्सनल और कार लोन लेकर बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाली गैंग के दो धोखेबाजों को पकड़ लिया। इन्होंने भोले-भाले लोगों के आधार कार्ड से खुद के मोबाइल नंबर लिंक कर रखे थे। उन्हीं लोगों के दस्तावेजों में कूटरचना कर बैंकों में खाते खोले और इन खातों में लाखों का ट्रांजेक्शन किया। बैंकिग सिस्टम की कमियो का फ़ायदा उठाकर फिजिकल हस्ताक्षर एवं फिंगरप्रिंट उपयोग न करने से केबल मोबाइल नंबर्स ओटीपी के माध्यम से कई प्रकार के लोन लेकर बैंकों को लगाया लाखों रुपए चूना और रातों रात गायब हो गए।

विजय नगर थाने पर एचडीएफसी बैंक द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराई गई कि ब्लू स्टार कंपनी की फर्जी वेतन स्लिप व अकाउंट स्टेटमेंट जैसे दस्तावेज लगाकर पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया गया। अपने अकाउंट में ब्लू स्टार कंपनी से सैलरी आना दिखाकर यह धोखाधड़ी की गई। शिकायत में उल्लेखित तथ्यों एवं मिले दस्तावेजी साक्ष्यों से आरोपी देव शर्मा उर्फ देवेन्द्र सिंह, शैलेश अहिरवार उर्फ रवि कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं मे अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

इस मामले में आरोपियों रवि कुमार पाल (32 वर्ष), सेक्टर 45 नोयडा (उप्र), देवेन्द्र सिंह (30 वर्ष) मंगोलिया टावर अंशल टाउन मेरठ थाना पल्लवपुरम जिला मेरठ (व्यवसाय प्रोपर्टी ब्रोकरेज) को गिरफ्तार किया गया। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने नोयडा में ब्लू स्टार आदि कंपनियों के एसी ठीक करने वाले अनिल चौधरी के नाम पर जीएसटी व गुमास्ता तैयार कर बैंक में ब्लू स्टार कंपनी के नाम से खाता खुलवाया।

शुरुआत में उस खाते में नकदी जमाकर अपने स्वयं के खातों व अपने दोस्तों के खातों में फर्जी ब्लू स्टार कंपनी के खाते से निश्चित धनराशी प्रतिमाह नियत दिनांक को ट्रांसफर कर उक्त राशि को ब्लू स्टार कंपनी से सैलरी प्राप्त करना दर्शाते हुए स्वंय को कंपनी का कर्मचारी बताया। ब्लू स्टार कंपनी के कर्मचारी होने की फर्जी कूटरचित सैलरी स्लिप तैयार कर बैंको में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी से लाखों रूपए का पर्सनल लोन व कार लोन प्राप्त कर लिया और रातों रात गायब हो गए।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी देवेंद्र सिंह (मेरठ) द्वारा देव शर्मा नाम का आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर बैंक में देव शर्मा नाम से ही कोटेक बैंक में खाता खुलवाया और उक्त खाते में ब्लू स्टार कंपनी से फर्जी सैलरी आना दिखाकर फर्जी सैलरी स्लिप तैयार कर आईडीएफसी बैंक से 11 लाख रूपये का पर्सनल लोन प्राप्त कर लिया।

आरोपी रवि पाल ने करीबी गांव के व्यक्ति शैलेश अहिरवार को आधार कार्ड मे मोबाइल नबर लिंक कराने का विश्वास दिलाकर स्वयं का मोबाइल नंबर शैलेश अहिरवार के आधार कार्ड से लिंक करा लिया। फिर स्वयं का मोबाइल नंबर लिंक होने से शैलेश के आधार कार्ड को इदौर के पते पर ओटीपी के माध्यम से अपडेट करा लिया और उक्त शैलेश नाम के आधार कार्ड की मदद से स्वयं का फोटो लगाकर शैलेश नाम का फर्जी पैनकार्ड बनवाकर आरोपी रवि पाल ने खुद को शैलेश अहिरवार बना लिया।

फिर शैलेश अहिरवार के नाम का खाता खुलवाकर उसी प्रकार फर्जी सैलरी आना दिखाकर फर्जी वेतन स्लिप तैयार कर ली और सभी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आईडीएफसी बैंक से करीब 11 लाख रूपये का लोन प्राप्त कर लिया। आरोपियों ने पूर्व में भी एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यश बैंक और एक्सिस बैंक से करीब 50 लाख का लोन प्राप्त किया। आरोपियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने फिर एचडीएफसी बैंक में फर्जी दस्तावेजों से लोन पाने के लिए आवेदन किया। तब बैंक के स्पॉट विजिट में शंका होने पर पुलिस को शिकायत की गई। पुलिस ने दोनों आरोपियों रवि कुमार पाल और देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर अदालत से उनके पुलिस रिमांड की कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों से विस्तार से पूछताछ कर अन्य आरोपियों की संलिप्ता पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।