Banni Buffalo :पीएम ने बताया कि बन्नी भैंस रात में 15-15 से लेकर 17-17 किलोमीटर तक दूर घास चरने जाती है

पीएम ने कहा कि ऐसा बहुत कम सुनने में आता है कि किसी की बन्नी भैंस खो गई हो या गलत घर में चली गई हो

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world dairy summit:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नोएडा में वर्ल्ड डेयरी समिट का उद्घाटन किया। इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की ग्लोबल समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बन्नी भैंस की खासियत बताईlइस मौके पर भारतीय पशुधन के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने गुजरात के कच्छ में पाए जाने वाली बन्नी नस्ल की भैंस का जिक्र किया।

उन्होंने बताया कि भारतीय नस्ल की भैंसे खुद को अपने माहौल एवं जलवायु के अनुरूप ढाल लेती हैं। पीएम ने बन्नी नस्ल का किस्सा सुनाते हुए कहा कि कच्छ में भयंकर धूप होती है। इसलिए बन्नी भैंस रात के कम तापमान में घास चरने के लिए निकलती है। बन्नी भैंस खुद चारागाह में जाती है। रेगिस्तान में पानी कम होता है। इसलिए बहुत कम पानी में भी बन्नी भैंस का काम चल जाता है।

पीएम ने बताया कि बन्नी भैंस रात में 15-15 से लेकर 17-17 किलोमीटर तक दूर घास चरने जाती है। उन्होंने कहा, ‘इतनी दूर जाकर घास चरने के बाद भी बन्नी भैंस सुबह अपने आप खुद घर चाली आती है। पीएम ने कहा कि ऐसा बहुत कम सुनने में आता है कि किसी की बन्नी भैंस खो गई हो या गलत घर में चली गई हो। पीएम ने कहा कि मैंने आपको सिर्फ बन्नी का ही उदाहरण दिया है लेकिन भारत में मुर्रा, मेषाणा, जाफराबादी, नीली रवि, पंडरपुरी जैसे अनेक नस्लें भैंस की आप भी अपने-अपने तरीके से विकसित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गीर गाय, सैवाल, राठी, कांकरे, थारपारकर हरियाणा ऐसी ही कितनी गाय की नस्लें हैं जो भारत की डेयरी सेक्टर को यूनिक बनाती हैं।’भारतीय नस्ल के ज्यादातर पशु क्लाइमेट कंफर्टेबल भी होते हैं।”