Basant Utsav : वाग्देवी की पूजा के साथ भोजशाला में बसंतोत्सव शुरू!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : आज यहां तीन दिवसीय बसंत उत्सव शुरू हो गया। सूर्योदय के साथ भोजशाला में मां वाग्देवी की पूजा की गई। इसके बाद हवन यज्ञ शुरू हुआ जो लगातार जारी रहेगा। भोजशाला में ऐसा सरस्वती मंदिर है, जो साल में एक बार ही हिंदुओं के पूजन के लिए बसंत पंचमी पर खुलता है। भोजशाला और पूरे शहर को भगवा झंडों से सजाया गया है। आज दिनभर यहां कई धार्मिक आयोजन होंगे।
विशाल शोभायात्रा मां वाग्देवी की महाआरती और धर्मसभा का भी आयोजन होगा। बसंत उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया। वे सुबह से ही मां वाग्देवी के दर्शन पूजन के लिए भोजशाला पहुंचना शुरू हो गए। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल और प्रशासनिक अमला भी भोजशाला में तैनात है। भोजशाला सहित पूरे शहर में चप्पे चप्पे पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात है। 250 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
989वां बसंतोत्सव
इस बारे में हिन्दू जागरण मंच के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया की राजा भोज ने आज ही के दिन 1034 में 989 वर्ष पूर्व इस परिसर का निर्माण कर मां सरस्वती की स्थापना कर जन्मोत्सव मनाना प्रारंभ किया था। उस समय बसंतोत्सव 40 दिन का मनता था। उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए आज 989वां सरस्वती जन्मोत्सव धार का हिन्दू समाज मना रहा है।
सूर्योदय के साथ सरस्वती यज्ञ प्रारंभ हो चुका है। श्रद्धालु दर्शन करना प्रारंभ हो गए। अभी कुछ समय बाद उदयरावजी चौराहा से शोभायात्रा प्रारंभ होकर यहां गर्भगृह में पहुंची। मोतीबाग में धर्मसभा होगी जिसे वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेशकुमार जी और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी संबोधित करेंगे। सभा के बाद यहां महाआरती होगी और महाआरती के बाद संध्या को पूर्णाहुति के बाद आज के कार्यक्रम का समापन होगा।
पुलिस बल की तैनाती
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धार देवेन्द्र पाटीदार ने बताया कि आज राष्ट्रीय पर्व है 26 जनवरी और भोजशाला में एक विशाल पर्व का भी आयोजन है। चूंकि बसंत पंचमी है इसलिए भोजशाला के अंदर भी पूरा दिनभर मां सरस्वती की पूजा आराधना होती है। उसी को दृष्टिगत रखते हुए और भरपूर और पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था लगाई गई है। जो मुख्य स्थल है उसके अंदर उसके चारों ओर मुख्य द्वार पर उसके परिसर के आसपास पूर्ण व्यवस्था लगाई गई है।