धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : बसंत पंचमी पर आज आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार विशेष रूप से धार आए। उन्होंने लालबाग से निकली शोभायात्रा में हिस्सा लिया और भोजशाला में पूजा अर्चना के बाद एक धर्म सभा को संबोधित किया। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भोजशाला में मूर्ति के लिए समाज और सरकार कदम उठाएंगे। कोई विवाद न बनाकर संवाद बनाएंगे। इसे संघर्ष न बनाकर समाधान बनाएंगे। निश्चित रूप से यह समस्या तनाव नहीं लाएगी बल्कि प्यार बढ़ाएगी और शांति बढ़ाएगी तालीम और तरक्की भी लाएगी।
उन्होंने कहा कि धार मां सरस्वती का पूजनीय स्थल है जो पवित्रता की निर्मलता की मधुरता की देवी है। इसलिए दंगा नहीं, हिंसा नहीं, मिलकर संवाद से समस्या का समाधान से यह वातावरण सब मिलकर बनाए। मैंने आज भी यही आग्रह किया है।
आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि जब तक मूर्ति नहीं आती और स्थापित नहीं होती तब तक सरकार भी कदम उठाएगी और समाज भी कदम उठाएगा। ब्रिटिश हुकूमत ने भी कहा है कि अगर यह सुनिश्चित हो जाए कि वे यहां से सरस्वती की मूर्ति ले गए। मैंने आज सार्वजनिक प्रपोजल दिया है कि ब्रिटिश हुकूमत के पास जो भी डॉक्यूमेंट है उनके साथ उनका दल यहां आए। धार की संघर्षरत समिति के प्रतिनिधियों के साथ सुनिश्चित करें कि ब्रिटिश लोग कहां से मूर्ति को ले गए थे। यह भी बताएं कि कहां इनको लगता है कि मूर्ति थी। अगर यह प्रक्रिया ब्रिटेन शुरू करें तो मुझे लगता है कि समस्या का समाधान तेज गति से निकलेगा।
दूसरी बात जो उन्होंने कही कि इस देश के अंदर किसी भी धर्म के जाति के दल के भाषा के भूगोल के रंग के लोग हैं। हम पूर्वजों से एक थे, एक हैं, एक रहेंगें। हमारी समान जातियां हैं, समान गोत्र हैं, समान परंपराएं और इसलिए हमारे स्वप्न भी समान है हमारी शक्ल भी समान है। इसलिए आवश्यकता यह है कि दंगों के साथ नहीं कट्टरता और हिंसा के साथ में जो सही है उनका मानना और उसको प्रतिष्ठित करना यही सब के कल्याण का है। इसलिए एक नया बीज आज बोया गया है। आप सबके सामने और सही प्रतिष्ठित करें और मुझे पूरा विश्वास है कि यहां के पत्रकार इसे विवाद न बनाकर संवाद बनाएंगे। इसे संघर्ष न बनाकर समाधान बनाएंगे। निश्चित रूप से यह समस्या तनाव नहीं लाएगी, बल्कि प्यार और शांति बढ़ाएगी तालीम और तरक्की भी लाएगी।
धार मां सरस्वती का पूजनीय स्थल है, जो पवित्रता की निर्मलता की, मधुरता की देवी है । इसलिए दंगा नहीं, हिंसा नहीं, मिलकर संवाद से समस्या का समाधान यह वातावरण सब मिलकर बनाए। यह भी मैंने आज आग्रह किया है। मैं आप सबसे निवेदन करता हूं।