अति सुन्दर, संदेशात्मक सनातन घड़ी ( CLOCK )

1978

विशेष – – – – !
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🌹अति सुन्दर, संदेशात्मक सनातन घड़ी ( CLOCK )🌹

प्रस्तुति-डॉ घनश्याम बटवाल मंदसौर

यूं तो समय रुकता नहीं है । समय ही देश – काल – परिस्थिति का नियंता है । काम करने वालों के लिये समय बहुत मूल्यवान है । पल पल अहम है । सांस रुकती है समय कभी नहीं ।

समय को बताने वाली घड़ी , चाहे रिस्ट वॉच हो या टेबल क्लॉक या हो वाल क्लॉक , अब तो मोबाइल पर इलेक्ट्रॉनिक और क्वार्ट्ज पर भी समय सेकंड्स और मिनिट्स देखे जारहे हैं । अर्थात समय की ही बलिहारी है , चहुंओर ।
पर वह घड़ी या क्लॉक केवल समय ही नहीं संदेश के साथ संकेत भी देती हो और कर्म व धर्म का ध्यान भी कराती हो विशेष होजाती है ।

ऐसी ही विशिष्ट घड़ी विवरण के साथ आपके सामने प्रस्तुत है ।
देखें – पढ़ें – मनन करें और सनातन धर्म सार को अंगीकार करें ।
अनंत शुभकामनाएं । अब आप देखिए समय व्यर्थ बिना गवाएं ।

🔸12:00 बजने के स्थान पर आदित्य लिखा हुआ है जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं।

🔸1:00 बजने के स्थान पर ईश्वर लिखा हुआ है इसका अर्थ यह है कि ईश्वर एक ही प्रकार का होता है। एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति।

🔸2:00 बजने की स्थान पर पक्ष लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि पक्ष दो होते हैं 1 कृष्ण पक्ष औऱ दूसरा शुक्ल पक्ष।

🔸3:00 बजने के स्थान पर अनादि तत्व लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अनादि तत्व 3 हैं। परमात्मा, जीवात्मा और प्रकृति ये तीनों तत्व अनादि है ,

🔸4:00 बजने के स्थान पर वेद लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं — ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

🔸5:00 बजने के स्थान पर महाभूत लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य है कि महाभूत पांच प्रकार के होते हैं। पांच महाभूत हैं – सत्वगुण, रजगुण, कर्म, काल, स्वभाव”

🔸6:00 बजने के स्थान पर दर्शन लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि दर्शन 6 प्रकार के होते हैं । छः दर्शन सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त के नाम से विदित है।

🔸7:00 बजे के स्थान पर धातु लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि धातु 7 हैं। सात धातुओं के नाम
रस : प्लाज्मा
रक्त : खून (ब्लड)
मांस : मांसपेशियां
मेद : वसा (फैट)
अस्थि : हड्डियाँ
मज्जा : बोनमैरो
शुक्र : प्रजनन संबंधी ऊतक

🔸8:00 बजने के स्थान पर अष्टांग योग लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि योग के आठ प्रकार होते है। योग के आठ अंग हैं: 1) यम, २) नियम, ३) आसन, ४) प्राणायाम, ५) प्रत्याहार, ६) धारणा ७) ध्यान ८) समाधि

🔸9:00 बजने के स्थान पर अंक लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि अंक 9 प्रकार के होते हैं। 1 2 3 4 5 6 7 8 9

🔸10:00 बजने के स्थान पर दिशाएं लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है।

🔸11:00 बजने के स्थान पर उपनिषद लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि उपनिषद 11 प्रकार के होते हैं।

ठीक है न , यही समय चक्र है और घड़ी के साथ उपयोगी संदेश भी ।