Beauty With Brain : इस अफसर की खूबसूरती बेमिसाल, रैम्प पर कर दिया धमाल!

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Beauty With Brain : इस अफसर की खूबसूरती बेमिसाल, रैम्प पर कर दिया धमाल!

Lucknow : राज्य की एक अपर कलेक्टर ऋतु सुहास ने बुधवार रात लखनऊ में अलग ही जलवा बिखेर दिया। वे एक फैशन शो में रैंप पर उतरीं। उनका स्टाइल और अदाएं देखकर शो में मौजूद लोग तालियां बजाने के लिए मजबूर हो गए। ऋतु उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा में बतौर अपर कलेक्टर गाजियाबाद में पदस्थ हैं। वे अक्सर खादी से बने कपड़ों को प्रोमोट करते देखी जा सकती हैं।

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खादी को प्रमोट करने के लिए मॉडलिंग

वह एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ स्थापित फैशन प्रोमोटर बन चुकी हैं। फैशन इंडस्ट्री में उनकी पहचान किसी मशहूर मॉडल से कमतर से नहीं है। हालांकि, वह उत्तर प्रदेश सरकार के खादी ग्रामोद्योग विभाग के प्रचार-प्रसार के लिए रैंप पर उतरती हैं। खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए उन्होंने मॉडलिंग शुरू की। उनसे खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने में खासी मदद मिली है। गाजियाबाद, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में ऋतु सुहास को उनके जानने वाले ‘ब्यूटी विद ब्रेन’ उपनाम से पुकारते हैं।

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पति आईएएस और ओलंपियन

ऋतु सुहास के पति गौतमबुद्ध नगर के मौजूदा कलेक्टर सुहास एलवाई हैं। वह आईएएस अफसर होने के साथ अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पिछले दो पैरा ओलंपिक में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक हासिल किए हैं। सुहास एलवाई की पहचान भी एक सहज और ईमानदार प्रशासनिक अफसर के साथ-साथ मजबूत इरादों वाले एथलीट के रूप में होती है।

मिसेज इंडिया-2019 रह चुकी     

ऋतु सुहास 2004 बैच की पीसीएस अफसर है। मिसेज इंडिया-2019 का खिताब जीतने वाली ऋतु प्रतियोगी स्टूडेंट के लिए प्रेरणा भी हैं। क्योंकि, कभी उनके पास कोचिंग और अखबार के महीने पूरे होने पर पैसे नहीं जुट पाते थे। उन्होंने अपनी एक सहेली के नोट्स के माध्यम से सेल्फ स्टडी कर अपना मुकाम हासिल किया है।

ट्यूशन पढ़ाकर की शुरुआत

ऋतु के मुताबिक, घर में काफी प्रॉब्लम थी। कोचिंग की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। एक इंग्लिश न्यूज पेपर डेली पढ़ती थी, लेकिन महीने में पैसे देने के लिए नहीं जुट पाते थे। इसलिए छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। ऋतु सुहास ने 2003 में पीसीएस की तैयारी करने का फैसला किया था। रिश्तेदार घर से बाहर निकलकर पढ़ाई करने से खुश नहीं थे। लेकिन, पैरेंट्स ने मेरा पूरा सपोर्ट किया। उनकी मां एक-एक पैसे जोड़ा करती थी। ताकि, हम भाई बहन की छोटी-छोटी जरुरतें पूरी हो सकें।

पति सुहास भी सबसे अलग

सुहास एलवाई भी कम नहीं हैं। आईएएस होने के अलावा ओलम्पियन भी हैं। सुहास लालिनकेरे यतिराज पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पूर्व में प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे। मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह राष्ट्रीय चैंपियन बने थे। मूल रूप से वे हासन कर्नाटक के निवासी हैं, लेकिन बेहतरीन हिंदी बोलते हैं। यूपी में महाराजगंज, हाथरस, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़ और इलाहाबाद के डीएम (कलेक्टर) रह चुके हैं।