भाजपा की परिवर्तन यात्रा से पहले,वसुन्धरा राजे की यात्रा की राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा
गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट
राजस्थान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा 2 सितंबर से शुरू की जाने वाली परिवर्तन यात्रा से पहले
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रही भाजपा की क़द्दावर नेता वसुंधरा राजे की प्रस्तावित धार्मिक यात्रा के कार्यक्रम की राजनीतिक क्षेत्रों में ज़ोरदार चर्चा है। प्रदेश की राजनीति में फिर से यह चर्चा शुरू हो गई है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे क्या पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज है ? क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें अहमियत नहीं दे रहा है। जबकि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को वह पूरा सम्मान दे रही है ।राजनीतिक पण्डित इसे वसुन्धरा राजे का शक्ति प्रदर्शन करना भी बता रहें है लेकिन वसुन्धरा राजे के निकटवर्ती सूत्र इसे सही नही मानते और कहते है कि मेडम हर वर्ष ऐसी धार्मिक यात्राओं पर रहती है। पिछलें महीनों भी उन्होंने अपने जन्म दिवस पर सालासर हनुमान जी धाम पर भी ऐसी ही यात्रा की थी। दूसरी ओर वसुन्धरा राजे की एकदिवसीय धार्मिक यात्रा से भाजपा की राजनीति में खलबली मच गई है। अब यात्रा पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि वसुन्धरा राजे के साथ कितने नेता और भीड़ जुटेगी।
इस धार्मिक यात्रा में वे शुक्रवार को सुबह हेलीकॉप्टर से रवाना होकर राजसमंद जिले में स्थित चारभुजा मंदिर पहुंचेंगी । जहां पूजा अर्चना कर हेलीकॉप्टर से ही नाथद्वारा मंदिर आएंगी और नाथद्वारा में श्री नाथ जी के दर्शन करने के बाद वे बांसवाड़ा जिले में स्थित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर जाएंगी तथा वहां पूजा-अर्चना कर वह वापस जयपुर लौट आएंगी।वसुन्धरा राजे पिछलें विधान सभा चुनावों में इन धार्मिक स्थलों से यात्राएँ निकाल चुकी हैं।इस यात्रा के बाद वे दो सितंबर को सवाई माधोपुर में जे पी नड्डा द्वारा शुरू की जाने वाली परिवर्तन यात्रा त्रिनेत्र गणेश भी जाएंगी। साथ ही तीन अन्य यात्राओं में भी भाग लेंगी। वसुन्धरा राजे समर्थकों का मानना है कि आज भी प्रदेश भाजपा में उनके क़द और लोकप्रियता वाला और कोई बड़ा नेता नही है।