भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आज आयोजित कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस से पहले कलेक्टरों ने अपने जिले को सीएम की प्राथमिकता वाले काम में बाटम फाइव से बाहर निकालने पर पूरा जोर लगा दिया है। कलेक्टरों को चिंता है कि बाटम फाइव में रहे तो सीएम की डांट मिल सकती है। इसलिए सभी जिला अधिकारियों को अपनी विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अंतिम दौर में प्रोग्रेस बढ़ाने के लिए कहा है। कुछ जिलों में तो कलेक्टरों ने परफार्मेंस सुधारने सीएम की प्राथमिकता वाले कामों की निगरानी के लिए दीगर विभागों के जिला अधिकारियों की भी ड्यूटी लगा दी है।
आज होने वाली कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में अब माफिया के विरुद्ध कार्यवाही के साथ जल अभिषेक अभियान की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी। इसके लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले में जलाभिषेक अभियान के दौरान किए जाने वाले कामों की रिपोर्ट देंगे। सीएम इस अभियान की 11 अप्रैल को राज्यस्तर पर शुरुआत करने वाले हैं। इसके अलावा महिला अपराध नियंत्रण की स्थिति की समीक्षा होगी।
साथ ही कृषि के विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के विषय में रणनीति पर चर्चा, मनरेगा के कार्यो की समीक्षा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण एवं संधारण कार्य की समीक्षा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा, वन भूमि एवं राजस्व भूमि संबंधी विषयों की समीक्षा, एक जिला-एक उत्पाद योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा, बेस्ट प्रेक्टिसेस का प्रस्तुतिकरण की समीक्षा होगी।
छतरपुर में ऐसा भी हो रहा
छतरपुर जिले में तो कलेक्टर संदीप जीआर ने डॉक्टरों की उपस्थिति जांचने के लिए अलग-अलग विभागों के जिला अधिकारियों की ड्यूटी दिन के आधार पर तय कर दी है। अब डॉक्टर लेट हुए तो संबंधित जिला अधिकारी अटेंडेंस रिपोर्ट कलेक्टर को देता है। इसी तरह अन्न उत्सव, स्कूलों में विजिट, वैक्सीनेशन समेत अन्य कामों में दूसरे विभागों के जिला अधिकारी अपना काम छोड़कर कलेक्टर के निर्देश का पालन कर रहे हैं। योजना और प्राथमिकता वाले कामों में कसावट के लिए सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा भी इसी तरह के प्रयोग कर रहे हैं।