बेलगावी हुआ मोदी, शिवराज और पिछड़ावर्गमय …

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बेलगावी हुआ मोदी, शिवराज और पिछड़ावर्गमय …

कौशल किशोर चतुर्वेदी की खास रिपोर्ट 

पिछड़ा वर्ग का देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। और कर्नाटक और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी प्रभावी भूमिका है। ऐसे में कर्नाटक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ओबीसी हितैषी भाजपा केंद्रित भाषण आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की चुनावी सभाओं में लगातार सुनने को मिलेगा। इसमें मोदी से शिवराज तक सभी का ओबीसी हितैषी चेहरा समाया है तो कांग्रेस का ओबीसी के प्रति परायापन बताया गया है। बेलगावी 16 मार्च 2023 को मोदी, शिवराज और पिछड़ावर्गमय हो गया।

बेलगावी, कर्नाटक में ओबीसी मोर्चा समावेश कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वह सभी काम गिना दिए जो मोदी ने प्रधानमंत्री रहते और खुद शिवराज ने मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के लिए किए हैं। वहीं उन्होंने कांग्रेस को जमकर कोसा। शिवराज ने कहा कि मोदी जी के रूप में हमें भगवान का वरदान मिला है। हमारा ओबीसी समाज मेहनती है, परिश्रमी है। मुझे गर्व है कि एक तरफ एक आदिवासी बहन द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं और पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने ओबीसी समाज की आर्थिक उन्नति के लिए वेंचर केपिटल फंड बनाया और देश में सबसे पहले ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया।

उसके पहले पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं था। मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी बच्चों को 27% रिजर्वेशन भाजपा सरकार ने दिया। सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय में 27% आरक्षण ओबीसी बच्चों को मोदी ने दिया है। फिर सवाल उठाया कि कांग्रेस ने क्यों नहीं किया? ओबीसी में क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये मोदी जी ने किया है। सबसे ज्यादा ओबीसी सांसद भाजपा में हैं। मैं कांग्रेस से पूछता हूँ, ओबीसी को क्या दिया? 17 साल नेहरू प्रधानमंत्री रहे, फिर इंदिरा और उसके बाद राजीव प्रधानमंत्री रहे? क्या दिया आपने। ओबीसी के लिए सिफारिशों पर नेहरू ने चर्चा ही नहीं होने दी थी। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने चुप्पी साध ली थी। ओबीसी का केवल शोषण किया है कांग्रेस ने! मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री थे, तब देश में मण्डल आयोग का गठन हुआ लेकिन उसकी सिफारिशों को कांग्रेस ने लागू नहीं किया। जब हमारे नेता सरकार में शामिल हुए, तब उन सिफारिशों को लागू किया गया। जब मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया।

मुझे कहते हुए गर्व है कि मध्यप्रदेश में भाजपा ने लगातार तीन मुख्यमंत्री ओबीसी के दिए। कांग्रेस ने तो कभी ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बनाया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीमा योजना, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना जैसी अनेक योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग को मिल रहा है। 12 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण कर्नाटक में भाजपा सरकार ने दिया है। मेट्रिक के बाद स्कॉलरशिप बोम्मई सरकार ने दी। पिछड़े वर्ग की बहनों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 लाख तक का ऋण बोम्मई सरकार ने दिया। पिछड़े वर्गों को 2 लाख की सब्सिडी कर्नाटक में मिल रही है। हमने तय कर दिया था कि मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी के आरक्षण के बिना नहीं होंगे। राष्ट्र के विकास का सवाल हो या ओबीसी को उसके अधिकार देना हों, एकमात्र पार्टी है जो ये कर रही है और वो है भाजपा।

 

अब कांग्रेस की बारी है कि वह मोदी, शिवराज और भाजपा के कामों पर सवालिया निशान लगाते हुए खुद को ओबीसी हितैषी साबित करे। कर्नाटक सहित राज्यों और केंद्र के चुनाव में ओबीसी वर्ग को उपेक्षित नहीं किया जा सकता। शिवराज ने कर्नाटक में ओबीसी वर्ग से अपील कर दी है कि आप 2023 में कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाएं, 2024 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनाएं। इनके बीच में ही मध्यप्रदेश में भी चुनाव होना है, जिसमें ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। अभी बेलगावी मोदी, शिवराज और पिछड़ावर्गमय हुआ है … तब मध्यप्रदेश भी मोदी, शिवराज और पिछड़ावर्गमय नजर आएगा।