Beware Of The Fourth Wave : कोरोना के नए स्ट्रेंथ से चीन में हाहाकार मचा, भारत को भी रहना है सावधान 

यूरोप और एशिया के भी कई देशों में बढ़ रहे कोरोना मामले, भारत में चौथी लहर का खतरा?

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Beware Of The Fourth Wave

Beware Of The Fourth Wave : कोरोना के नए स्ट्रेंथ से चीन में हाहाकार मचा, भारत को भी रहना है सावधान

New Delhi : कोरोना की चौथी लहर का अंदेशा नजर आने लगा। चीन, जर्मनी, इटली, फ्रांस में केस बढ़ने लगे हैं। भारत में तीसरी लहर खत्म हुए ज्यादा दिन नहीं बीते कि चौथी लहर का खतरा नजर आने लगा। चीन में कोरोना के नए हमले ने दो सालों के कोरोना मामलों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जर्मनी, इटली, फ्रांस और इजराइल समेत कई यूरोपीय देशों और साउथ कोरिया जैसे एशियाई देशों में भी कोरोना के मामले बढ़ने लगे। इस नई लहर के पीछे ‘स्टेल्थ ओमिक्रॉन’ है।

कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से इस घातक वायरस का यह सबसे बड़ा हमला चीन झेल रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से वहां कोरोना के नए केस सामने आए। अकेले 14 मार्च को चीन में कोरोना के 3602 केस दर्ज किए गए। यह फरवरी 2020 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। 20 फरवरी के बाद से चीन में रोज नए मामले बढ़े हैं। पिछले 5 दिनों से तो वहां हर दिन 1000 से ज्यादा नए केस सामने आए।

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने दुनिया के कई देशों में कोरोना केस बढ़ने को लेकर कहा है कि ये बड़ी मुसीबत की एक झलक भर है। कोरोना महामारी न ही अभी खत्म हुई है और न ही सीजनल बीमारी जैसी बनी है। ऐसे में नई लहर का खतरा बरकरार है। WHO के मुताबिक, पिछले हफ्ते (7-13 मार्च) दुनिया भर में कोरोना के 1.1 करोड़ नए केस आए, जो एक हफ्ते पहले की तुलना में 8% ज्यादा हैं।

चीन में पूरे 2021 में महज 15,248 कोरोना केस दर्ज हुए जबकि 2022 के महज तीन महीने से भी कम समय में वहां 23 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। चीन के 31 प्रांतों में से 28 प्रांतों में कोरोना केस सामने आए हैं। ज्यादातर मामले जिलिन प्रांत में मिले हैं। 90 लाख की आबादी वाले जिलिन प्रांत की राजधानी और ऑटोमोबाइल हब चांगचुन शहर में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके अलावा राजधानी बीजिंग, शंघाई और शेनजेन में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है।

चीन के कम से कम 13 शहरों में सख्त लॉकडाउन लागू है और कई फैक्ट्रियां भी बंद करनी पड़ी हैं। चीन की करीब 5 करोड़ आबादी लॉकडाउन में रहने को मजबूर है। कोरोना की नई लहर का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। चीन की सिलिकॉन वैली माने जाने वाले आईटी कंपनियों के हब शहर शेनजेन में ज्यादातर प्रोडक्शन रोक दिया गया है, जिनमें ऐपल भी शामिल है। ये शहर हुवाई, ओप्पो और TCL जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों का घर है।

चीन के विशेष प्रशासित क्षेत्र हांगकांग में कोरोना से 3500 मौतें हो चुकी हैं। 15 मार्च को हांगकांग में 27 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज हुए। हांगकांग में अस्पताल मरीजों से पूरी तरह भरे हैं और लोगों को बेड और इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है। चीन में महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक 1.22 लाख कोरोना केस सामने आए हैं और 4636 लोगों की मौत हुई है। चीन में जनवरी 2021 के बाद से कोरोना से मौत का आंकड़ा स्थिर है। कोरोना महामारी की शुरुआत के पहले कुछ महीनों में चीन सबसे प्रभावित देश था और वहां अप्रैल 2020 तक कोरोना के 85 हजार मामले दर्ज हो चुके थे।

कई देशों में फिर बढ़ने लगा खतरा 
कोरोना के मामले न केवल चीन बल्कि यूरोप और एशिया के भी कई देशों में भी बढ़ रहे हैं। खासतौर पर जर्मनी में तो हर दिन 2.5 लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं। तो वहीं एशियाई देश साउथ कोरिया में 16 मार्च को 4 लाख नए केस दर्ज हुए, जो इस देश के लिए नया रिकॉर्ड है। वहीं फ्रांस, इटली, नीदरलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे कुछ अन्य यूरोपीय देशों में भी कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। अमेरिका की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है और वहां हर दिन करीब 25-30 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके पीछे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 यानी स्टेल्थ ओमिक्रॉन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।