भंवर सिंह शेखावत चुनाव तो लड़ेंगे, पर कहां से और किस पार्टी से यह तय नहीं!

भाजपा के असंतुष्ट नेता से 'मीडियावाला' की खुली बातचीत!

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भंवर सिंह शेखावत चुनाव तो लड़ेंगे, पर कहां से और किस पार्टी से यह तय नहीं!

Bhopal : भाजपा के वरिष्ठ नेता, अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है। तीन महीने पहले उन्होंने मुखरता से पार्टी की खामियों पर अपनी टिप्पणी की थी। अभी वे उससे संतुष्ट नहीं है। वे इस बात से भी इंकार नहीं करते कि वे कांग्रेस में जाएंगे या नहीं! लेकिन, वे इस बात पर अडिग दिखाई देते हैं कि इस बार का विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे। इसलिए कि वे मानते हैं कि यह चुनाव मेरे लिए आखिरी चुनाव होगा।

‘मीडियावाला’ से फोन पर बातचीत में भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव किस पार्टी के बैनर पर लड़ेंगे, इस बारे में स्पष्ट कुछ नहीं है। शेखावत ने कहा कि बदनावर के मेरे समर्थकों का बहुत ज्यादा दबाव है कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं। लेकिन, अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई इशारा नहीं आया। जहां तक भाजपा की बात है, तो मैंने उन्हें अपना इरादा बता दिया है। लेकिन, अभी भाजपा ने भी कुछ तय नहीं किया। इसके बावजूद मैंने खुद ने तय जरूर कर लिया कि मुझे इस बार चुनाव तो लड़ना ही है! कहां से लड़ना है, कैसे लड़ना है और किस पार्टी से लड़ना है, या निर्दलीय लड़ना है,यह कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।

वे बताते हैं की बदनावर में यदि उन्हें मौका मिला तो अच्छा प्रदर्शन करेंगे और जीत के दिखाएंगे।
लेकिन, अगर हम बदनावर का सियासी दृश्य देखे तो वहां फिलहाल भाजपा के विधायक और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव है ऐसी स्थिति में उन्हें हटाकर भंवर सिंह शेखावत को तो चुनाव नहीं लड़ाया जा सकता। इसका आशय है कि शेखावत का बदनावर से निश्चित रूप से कांग्रेस से चुनाव लड़ने इरादा है, पर अभी कांग्रेस ने उन्हें इसके लिए निमंत्रण नहीं दिया। कांग्रेस में भी जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद गौतम बदनावर विधानसभा से अब चुनाव लड़ सकते हैं क्योंकि कोर्ट से उन्हें जमानत मिल चुकी है। ऐसे में कांग्रेस गौतम को दरकिनार कर शेखावत को टिकट देंगी , इसमें भी शंका है। कुल मिलाकर फिलहाल मामला पेचीदा ही लग रहा है।

लेकिन अगले कुछ दिनों में यह तय हो जाएगा की भंवर सिंह शेखावत किस पार्टी से और कहां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यदि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो क्या होगा, क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। फ़िलहाल अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता?