Bharat Jodo Yatra : भारत जोड़ों यात्रा का प्रदेश का रूट एक नवंबर को तय! 

दिग्विजय सिंह ने कहा 'मेरे संन्यास की बात को गलत समझा गया!'  

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Bharat Jodo Yatra : भारत जोड़ों यात्रा का प्रदेश का रूट एक नवंबर को तय!

Indore : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की प्रदेश में सभी तैयारियां हो गई हैं। एक नवंबर तक यात्रा का रूट तय कर दिया जाएगा। यह यात्रा राजनीतिक जरूर है, लेकिन यह चुनाव जीतने के लिए नहीं है। इसके पीछे तीन मकसद हैं। यह बात राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने कही, जो शुक्रवार को इंदौर में थे।

भारत जोड़ो यात्रा में वकीलों को शामिल करने के लिए राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने निजी होटल में वकीलों के साथ बैठक की। सिंह वहां भी पहुंचे। दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वे शहर में थे। उनके साथ पूर्व विधायक अश्विन जोशी, नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे समेत कई लोग रहे। प्रेस कांफ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा के राज में अमीर और अमीर तो गरीब और गरीब होता जा रहा है। इस खाई को पाटा जाएगा। भारत जोड़ो यात्रा का पहला उद्देश्य आर्थिक असमानता दूर करना है। दूसरा जाति-धर्म संप्रदाय, पहनावा, बोलचाल के नाम पर हर दिन विवाद खड़ा किया जा रहा है। ये देश अनेकता में एकता का प्रतीक है। तीसरा भारतीय संविधान के मूल स्वरूप पर आघात किया जा रहा है। इसे रोकना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्होंने भाजपा की बी-टीम कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि मेरे संन्यास की बात को गलत समझा गया। मैंने कहा था कि 2026 तक मेरा राज्यसभा का कार्यकाल है। तब मैं 79 साल का हो जाऊंगा, उसके बाद तय करूंगा कि क्या करना है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे में कोई कमी नहीं है। वे 80 साल के नौजवान हैं। 7 साल की उम्र में उनकी मां को दंगों में जला दिया गया था। उन्होंने मजदूर के बेटे के रूप में पढ़ाई की और मजदूरों की लड़ाई लड़ी। 50 साल से ज्यादा राजनीतिक जीवन में उन पर कोई दाग नहीं है। ऐसे व्यक्ति पर हमें पूरा भरोसा है। वे अच्छे अध्यक्ष साबित होंगे। रिमोट कंट्रोल के बारे में सिंह ने कहा कि भाजपा खड़गे के राजनीतिक जीवन पर टिप्पणी नहीं कर सकती। क्या आरएसएस का रिमोट कंट्रोल भाजपा पर नहीं चलता?

सबसे बड़ी चुनौती संविधान को सुरक्षित रखना 

विवेक तन्खा ने कहा कि यात्रा से वकील वर्ग को जोड़ा जा रहा है। इस वक्त संविधान और लोगों के हितों को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती है। संवैधानिक संस्थाओं को हम कैसे मजबूत करें-कैसे सुरक्षित रखें, ये बातें अभिभाषकों के लिए चिंता का विषय हैं। भारत जोड़ो यात्रा को संविधान से जोड़ना चाह रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं के साथ खिलवाड़ पूरे देश का विषय है। ज्यूडिशियरी वर्किंग में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ने के दुष्परिणाम सामने आते हैं।