Bhind is now Corporation: गजट नोटिफिकेशन के बाद MLA ने किया नगर निगम क्षेत्र के नक्शे का अनावरण
भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिण्ड: भिण्ड नगरपालिका को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नगरपालिक निगम बना दिया गया है। गजट नोटिफिकेशन के द्वारा 6 अक्टूबर को भिण्ड को नगरपालिक निगम का दर्जा दे दिया गया। जिसके बाद शनिवार को भिण्ड विधायक संजीव सिंह कुशवाह के द्वारा वर्तमान नगरपालिका की अध्यक्ष वर्षा वाल्मीकि, उपाध्यक्ष भानू सिंह भदौरिया, सीएमओ वीरेंद्र तिवारी एवं समस्त पार्षदों की उपस्थित में नगरपालिक निगम के नवीन नक्शे का लोकार्पण किया गया। भिण्ड नगरनिगम का क्षेत्रफल अब 19272.192 हेक्टेयर होगा। इसमें आसपास के कई गांवों को शामिल किया गया है।
भिण्ड नगरपालिका का गठन आजादी से काफी पहले अंग्रेजों के जमाने मे वर्ष 1896 में किया गया था और अभी सबसे बड़ी नगरपालिका थी। हालांकि भिण्ड को नगरनिगम बनाये जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। वर्ष 2013 के चुनावों से पहले मुरैना को नगर निगम बना दिया गया था लेकिन भिण्ड वंचित रह गया। इस बार जब फरवरी माह में मुख्यमंत्री भिण्ड आये तो विधायक संजीव सिंह कुशवाह द्वारा नगरनिगम की मांग और मेडिकल कॉलेज की मांग जनता की ओर से रखी जिसपर मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा कर दी और शुक्रवार को इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया।
भिण्ड नगरनिगम की चतुरसीमा अब भिण्ड विधानसभा से निकलकर अटेर विधानसभा तक पहुंच गई है। या कहें कि वर्तमान में नगरनिगम क्षेत्र में भिण्ड सहित अटेर का क्षेत्र भी शामिल हो गया है। ऐसे में भिण्ड नगरनिगम में दो विधानसभा के क्षेत्रों के वोटर रहेंगे।
विधायक संजीव सिंह कुशवाह का कहना है कि उन्होंने पुरजोर तरीके से इसकी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी थी और सभी आवश्यक कार्रवाई संपन्न करवाई ताकि भिंड नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा जल्द से जल्द मिल सके। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है, साथ ही समस्त जनता का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने उन आलोचकों को भी धन्यवाद दिया जो कहते थे कि यह काम नहीं हो पाएगा। संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि उनकी वजह से वह दुगनी ऊर्जा से कार्य करने के लिए जुट जाते थे और उसी का परिणाम है कि चुनाव से पहले भिंड नगर पालिका को नगर निगम बना दिया गया।