भिंड जहरीली कांड: दो सगे भाइयों सहित 4 की मौत, आबकारी अधिकारी को हटाया, आरोपी का मकान जमींदोज़

डिस्टलरीज संचालक के भतीजे सहित 6 गिरफ्तार

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भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिंड: भिंड में पिछले दिनों हुए जहरीली शराब कांड को लेकर डिस्टलरी के आबकारी अधिकारी को हटा दिया गया है। मामले में पहले ही दो थाना प्रभारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। डिस्टलरी संचालक के भतीजे सहित 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

एक आरोपी का निर्माणाधीन मकान किया ध्वस्त
प्रशासन द्वारा रविवार को जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी के निर्माणाधीन मकान को जमींदोज कर दिया गया। शहर के स्वतंत्र नगर में स्थित धर्मवीर बघेल के निर्माणाधीन मकान पर दो जेसीबी से मकान तोडा गया। इस बीच भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। आरोपी द्वारा स्वतंत्र नगर में जहां जहरीली शराब तैयार की थी उसी के सामने अपनी काली कमाई से मकान का निर्माण कराया जा रहा था। एसडीएम उदय सिंह सिकरवार ने इस कार्यवाही को एंटी माफिया भी बताया।

बाइट- उदय सिंह सिकरवार, एसडीएम भिण्ड

जानिए क्या है पूरा मामला
भिण्ड जिले में हाल ही में चार व्यक्तियों की जहरीली शराब पीने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतकों में दो सगे भाई हैं जिनकी मौत 14 जनवरी को हुई जबकि दो की मौत 15 को हुई। एकाएक चार मौतों के बाद पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने मामले में जल्दबाजी में कार्यवाही करते हुए दो थाना प्रभारियों के साथ ही पांच पुलिस जवानों को लाइन भेज दिया। वहीं मामले की जांच भी बड़े स्तर पर की जा रही है। मामले में जो तथ्य निकलकर सामने आया है उसके अनुसार जिन दो सगे भाइयों की मौत पहले हुई उन्होंने ही नकली शराब का निर्माण किया था।

इसलिए नपे रौन और सिटी कोतवाली थाना प्रभारी!
दो सगे भाइयों की और दो अन्य व्यक्तियों की मौत के बाद जहां पुलिस ने इसे संदिग्ध करार दिया वहीं मीडिया में मामला शराब पीने से हुई मौत का सामने आया। ऐसे में जब पुलिस अधीक्षक ने मीडिया रिपोर्ट्स की जांच कराई तो मामला जहरीली शराब से मौत का ही निकला। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में ना लाने के चलते एसपी ने रौन थाना प्रभारी को निलंबित किया तो वहीं जहां पर शराब बनी थी वह एरिया स्वतंत्र नगर के पास था। ऐसे में स्वतंत्र नगर का नाम आते ही सिटी कोतवाली थाना प्रभारी नप गए। जबकि जिस जगह पर शराब का निर्माण किया जा रहा था उसके सीमा क्षेत्र पर सिटी एवं देहात कोतवाली में विवाद चल रहा है।

खुद की बनाई शराब पीने के बाद तोड़ा दम
पुलिस अधीक्षक द्वारा जब मामले की जांच कराई तो पता चला कि रौन थाना क्षेत्र के इंदुर्खी गांव के रहने वाले दो सगे भाई दो अन्य लोगों के साथ इसी गांव के गोलू नामक युवक के कहने पर स्वतंत्र नगर भिण्ड में शराब बनाने आये थे। जहां पर धर्मवीर बघेल एवं गोलू सिरोठिया अक्सर इनसे शराब बनवाते थे। शराब बनाने के एवज में इन्हें 500-500 रुपये दिहाड़ी और दो दो शराब के क्वार्टर मिलते थे। 14 जनवरी को भी वह गोलू के कहने पर शराब बनाने आये और 1000 क्वार्टर पैक किये। जिसके बाद अपनी दिहाड़ी और दो-दो क्वार्टर लेकर घर निकल गए। दोनों भाइयों ने एक क्वार्टर रास्ते में पिया जबकि एक घर पर जाकर पिया। लेकिन घर पहुंचकर उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजन अस्पताल लेकर आये लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया वहीं एक व्यक्ति जो शराब नहीं पीता था उसके चाचा ने एक क्वार्टर पिया जिसकी मौत हो गई। वहीं एक अन्य मौत और ग्वालियर अस्पताल में भर्ती अन्य लोगों को शराब मिलने के बारे में आशंका जताई जा रही है कि संभवतः भिण्ड से जो दो-दो क्वार्टर लाये गए थे उन्हें इन लोगों को बेचा गया।

एक हजार क्वार्टर जहरीली शराब खपत से टेंशन में आया पुलिस प्रशासन, कुएं से निकली पूरी शराब

पुलिस को जब मालूम चला कि एक हजार क्वार्टर जहरीली शराब पैक की गई है तो पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। पुलिस द्वारा आरोपियों को पकड़कर उनसे इसकी खपत के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों भाइयों की मौत की खबर सुनते ही उसने शराब को घर के सामने स्थित कुएं में फेंक दिया और ऊपर से करब और कपड़े डालकर उसको जलाने की कोशिश की। साथ ही मिट्टी गोबर डालकर उसको गहरा दबाया भी। लेकिन पुलिस ने तीन दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार कुएं से शराब निकालकर जब्त कर ली।

डिस्टलरीज मालिक के भतीजे ने सप्लाई की थी ओपी, इसीसे बनी जहरीली शराब

पुलिस ने जब आरोपियों से नकली शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाले केमिकल ओपी के बारे में जानकारी जुटाई तो मालूम चला शहर के नजदीक ही देहात थाना क्षेत्र के डिड़ी गांव में संचालित होने वाली ग्वालियर डिस्टलरीज फैक्ट्री से फैक्ट्री मालिक गोविंद यादव के भतीजे मनीष यादव ने आरोपियों को ओपी सप्लाई की थी। जिसके बाद पुलिस ने रविवार को मनीष यादव को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बताया जा रहा है कि मनीष फैक्ट्री से निकलने वाले ओपी से भरे ट्रकों से ओपी की चोरी करवाता था और फिर उसे नकली शराब बनाने वालों को बेच देता था। वह खुद सप्लाई ना करते हुए अन्य व्यक्ति द्वारा इसकी सप्लाई ग्राहक को करवाता था।

मामले में आबकारी विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में
जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में पुलिस ने सक्रियता से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन इस पूरे मामले में आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि मामले में ओपी सप्लाई में ग्वालियर डिस्टलरीज का नाम सामने आने के बाद आबकारी विभाग की टीम द्वारा ग्वालियर डिस्टलरीज फैक्ट्री का निरीक्षण कर उसे क्लीन चिट दी गई थी। लेकिन वहीं दूसरी ओर डिस्टलरीज में तैनात आबकारी अधिकारी एसएम खान को हटाकर जिला मुख्यालय अटैच कर दिया गया और पुलिस द्वारा डिस्टलरीज के मालिक के भतीजे को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर फैक्ट्री के अंदर सब कुछ ठीक था तो आबकारी अधिकारी को क्यों हटाया गया।