Bhojshala Survey : ASI को रिपोर्ट पेश करने के लिए हाई कोर्ट ने 15 जुलाई तक समय दिया!   

GPR और GPS रिपोर्ट आना अभी शेष, जैन समाज ने भी अपना दावा पेश किया!

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Bhojshala Survey : ASI को रिपोर्ट पेश करने के लिए हाई कोर्ट ने 15 जुलाई तक समय दिया!   

Indore : हाई कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया है। धार भोजशाला मामले में इंदौर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। 2 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद 4 जुलाई को ASI ने रिपोर्ट के लिए चार सप्ताह का और वक्त मांगा था। इसके बाद आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 15 जुलाई को एएसआई सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किए। हाई कोर्ट में ASI की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

भोजशाला में एएसआई का सर्वे 22 मार्च से शुरू हुआ था और 98 दिन बाद 27 जून को पूरा हुआ था। लेकिन, उसे अभी जीपीएस-जीपीआर की रिपोर्ट तैयार करने के लिए समय चाहिए। इस मामले पर कोर्ट में 4 जुलाई को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एएसआई को रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 हफ्ते का समय और दिया है।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के मुताबिक 1008 में राजा भोज ने यहां सरस्वती मंदिर का निर्माण किया था। यह सरस्वती मंदिर ही है, ऐसा हिंदू फ्रेंट फोर जस्टिस का दावा है। 90 दिनों के ASI सर्वे में साथ में रहे याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि हम एएसआई सर्वे से पूरी तरह संतुष्ट हैं। जल्द ही हमारे पक्ष में यह पूरा निर्णय आएगा। भोजशाला परिसर में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वेक्षण हुआ था। एएसआई सर्वें की रिपोर्ट बना रही हैं, जिसमें सभी रिपोर्ट शामिल होना हैं, जो आना शेष हैं। इसलिए मुख्य रिपोर्ट को ही बनाने में समय लग रहा हैं, जिसके कारण ही एएसआई ने कोर्ट समय मांगा था।

अब जैन समाज का भी दावा

हिंदू-मुस्लिम पक्षों के बीच भोजशाला पर अधिकार को लेकर चल रहे विवाद में जैन समाज भी कूद पड़ा है। सर्वेक्षण के दौरान जैन समाज के तीर्थंकर नेमीनाथ की 2 मूर्तियां और कुछ चिन्ह मिले हैं। इनके मिलने के बाद विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सलेक चंद जैन ने भोजशाला पर अपना दावा पेश करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन, इस याचिका के विरोध में धार का ही जैन समाज अपने संगठन के विरुद्ध खड़ा हो गया है। कुछ दिनों पहले समग्र जैन समाज ने इकट्ठा होकर भोजशाला को हिंदू समाज का बताया है।