Bhojshala Survey : हाई कोर्ट के आदेश पर अमल, GPR मशीन से भी काम किया गया!
देखिए VDO : सर्वे में निकली सामग्री को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के अपने-अपने दावे!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : आज शनिवार को सर्वे का 65वां दिन था। हाई कोर्ट के आदेश के तहत सर्वे में जीपीएस सीपीआर मशीनों द्वारा सर्वे हुआ। इस मशीन से भोजशाला के सर्वे को नई गति मिली। साथ ही 4 वैज्ञानिक भी प्रक्रिया से जुड़े। GPR मशीन (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) एक भू भौतिकीय विधि है, जिसका आज सर्वे में उपयोग किया गया। आज 5 बजे टीम सर्वे समाप्त करके निकली। एएसआई की 18 सदस्य टीम में 40 मजदूर भोजशाला में सर्वे के लिए पहुंचे। पुलिस की त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम भी जारी है।
आज सर्वे टीम के साथ मशीन ने भी अपना काम शुरू कर दिया। दिन भर मशीनों का उपयोग हुआ.सर्वे टीम ने पहले जमीन के ऊपर उसका ग्राफ बनाकर चार्ट से उसके आधार पर मशीन ने काम किया। मशीन से जो मिला उसे सर्वे और मशीन को संचालित करने वाली टीम ने रखा। दूसरी टीम ने बाहर का ग्राफ तैयार किया। कल मशीन बाहर का काम करेगी। आज गर्भगृह में भी मिट्टी हटाने का काम चला। उत्तर और दक्षिण दिशा में भी सर्वे का काम चला। उत्तरी भाग में जो मिट्टी हटाने का काम चला उसमें एक बड़ी शीला दिखी। सूर्य के आठ प्रहर इसमें स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। साथ ही एक खंभे का प्रतीक चिन्ह भी बना है। सूर्य के साथ हम कीर्ति चिन्ह भी है जो राजाओं के महलों में देखे जाते हैं। यह भोजशाला के हर खम्बो पर अंकित है, वही आज यहां मिला।
हिंदू और मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की मौजूदगी में सर्वे हो रहा है। मुस्लिम प्रतिनिधि अब्दुल समद ने बताया कि उत्तरी भाग व पश्चिम-दक्षिणी भाग में मिट्टी हटाने का काम किया गया। वही गर्भगृह में भी मिट्टी हटाई गई। क्लीनिंग ब्रशिंग की जा रही है। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई। कोई विशेष अवशेष नहीं मिले।
जबकि, भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला के गर्भगृह के उत्तरी भाग में एवं बिल्डिंग के दक्षिणी भाग में मिट्टी हटाने का काम चला। गर्भगृह के सामने एक ऐसा अवशेष मिला, जिस पर चिन्ह मिला है। इस पर कई संस्कृति चिन्ह बने हुए हैं। वहीं दक्षिण भाग में दो पत्थर के खंभों के टुकड़े प्राप्त हुए हैं जिसमें सांस्कृतिक चिन्ह बने हुए हैं। जिसे सर्वे टीम ने अपने सर्वे में शामिल किया है।