Bhopal District Declared Water Scarcity Prone Area: 30 जून तक नलकूप खनन पर प्रतिबंध
भोपाल: कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भोपाल आशीष सिंह ने भोपाल जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करते हुए जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम की धारा-6 (1) के अंतर्गत संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर 30 जून 2023 तक प्रतिबंध लगाया है।
कलेक्टर ने बताया कि सम्पूर्ण जिला भोपाल की राजस्व सीमाओं में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़को से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि संबंधित राजस्व एव पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानो पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास करेगी उक्त मशीनो को जप्त कर संबंधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा ।
उन्होंने बताया कि सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित अपरिहार्य प्रकरणो के लिए व अन्य प्रयोजनो हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है। अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-3 या धारा-4 के उपबंध का उल्लंघन करने पर दो हजार रूपये के जुर्माने तथा दो वर्ष तक के कारावास या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
इस संबंध में जारी आदेश में बताया गया है कि शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा। इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा।
भोपाल जिले में कृषि एवं व्यावसायिक कार्य हेतु भू-जल स्त्रोतो का अतिदोहन होने से पेयजल स्त्रोतो / नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। गिरते भू-जल स्तर के कारण संपूर्ण जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण भोपाल जिले में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पेयजल से भिन्न अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि मेरे द्वारा पेयजल संकट की स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नही लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।
नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतो का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा।