Bhopal News: नगर निगम में 2 नए अपर आयुक्त की आमद, स्वीकृत पद 6, अब 7 हो गए पदस्थ!

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Bhopal News: नगर निगम में 2 नए अपर आयुक्त की आमद, स्वीकृत पद 6, अब 7 हो गए पदस्थ!

भोपाल। भोपाल नगर निगम भले ही घाटे में चल रहा हो लेकिन यहां पर अब दो और नये अपर आयुक्त देवेंद्र चौहान एवं हर्षित तिवारी की आमद हो गयी है और इनके आने के बाद अब निगम में सात अपर आयुक्त हो गए हैं। ये है: निधि सिंह, टीना यादव, रणबीर कुमार सिंह, गुणवत्त सेवतकर, वरुण अवस्थी, देवेंद्र सिंह चौहान और हर्षित तिवारी।

नगर निगम भोपाल में अधिकारियों की सेवा भर्ती नियम 2000 में यह प्रावधान है की 50 प्रतिशत पदोन्नति से और 50 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति से अपर आयुक्त कार्य करेंगे परंतु नगर निगम में पदस्थ सातों ही अपर आयुक्त प्रतिनियुक्ति वाले पदस्थ हैं । वैसे भी निगम में 6 ही पद स्वीकृत है।

अपर आयुक्त वरुण अवस्थी को कार्य आवंटित नहीं

अब देखना यह है कि देवेंद्र सिंह चौहान और हर्षित तिवारी को कौन से विभाग की जिम्मेदारी दी जाती है। निगम से सूत्रों का यह भी कहना है की कुछ ही दिनों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर की सूची जारी होने वाली है उसमें निगम के कुछ अधिकारी प्रभावित हो सकते हैं। दूसरी तरफ निगम में सामान्य प्रशासन विभाग की गंभीर लापरवाही के चलते विगत अनेक वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया को जानबूझकर बाधित रखा गया है ताकि नगर निगम का मूल कर्मचारी उच्च पद पर नहीं पहुंच पाए और प्रतिनियुक्ति प्रथा चलती रहे।

नगर निगम के कई ऐसे विभाग हैं जिसमें मूल कर्मचारियों को वर्षों से पदोन्नत नहीं किया गया है। इससे उनमें रोष है।

हाईकोर्ट को भी कर रहे ओवरलुक

नगर निगम भोपाल में पदोन्नति को कई कर्मचारी हाईकोर्ट में गये थे और सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दो माह में पदोन्नति करने के आदेश दिए थे । इसके चलते इसमें 10 कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका पर दो माह में पदोन्नति करनी थी परंतु पांच माह बाद भी पदोन्नति के आदेश जारी नहीं हो सके है। इसको लेकर सभी कर्मचारीयो द्वारा कोर्ट में अवमानना दायर की गयी है। अब देखना है कि निगम के वकील वहां पर क्या दलील देते हैं।

19 उपायुक्त 22 सहायक आयुक्त के पद रिक्त हैं 

नगर निगम की कार्मिक सरंचना में भोपाल नगर निगम में 19 उपायुक्त और 22 सहायक आयुक्त होना चाहिए परंतु नगर निगम का मूल अधिकारी एक भी सहायक आयुक्त नही है उपायुक्त केवल एक सीबी मिश्रा पदस्थ थे। इसके अलावा नगर निगम का मूल अधिकारी नही है। इसी तरह 4 राजस्व अधिकारी के पद व 8 सहायक राजस्व अधिकारी के पद पिछले सात वर्षों से रिक्त है यह सारे पद पदोन्नति से भरे जाना है। इसी मसले को लेकर कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से भी गुहार लगायी थी।