Bhopal Suicide Case: पाकिस्तान के नंबर से मैसेज कर ब्लैकमेल कर रहे थे रिकवरी एजेंट,पुलिस का दावा जल्द करेंगे आरोपियों की पहचान

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Bhopal Suicide Case: पाकिस्तान के नंबर से मैसेज कर ब्लैकमेल कर रहे थे रिकवरी एजेंट,पुलिस का दावा जल्द करेंगे आरोपियों की पहचान

भोपाल। रातीबड़ इलााके में अपने दो मासूम बच्चों को कोल्ड्रिंक में जहर देकर मारने के बाद पत्नी के साथ फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाले भूपेन्द्र विश्वकर्मा को जिस नंबर से फोन व मैसेज किया जा रहा था। साथ ही लोन की रिकवरी के लिए मैसेज करने वाले व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर लिखा था कि सको बोलो कि लोन पे कर दे, नहीं तो आज इसको मैं नंगा करके सोशल मीडिया पर अपलोड कर दूंगा। अब इस नंबर को लेकर पता किया तो पता चला कि यह नंबर पाकिस्तान का है। ऐसे में अब सुसाइड केस में पाकिस्तानी एंगल भी जुड़ गया है। इन मैसेजों को लेकर भूपेंद्र तनाव में आ गया था।

हालांकि अब मामले की जांच एसआईटी कर रही है और देर रात में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। अब देखना यह है कि पुलिस कब तक आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करती है। भोपाल के नीलबड़ स्थित शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) और पत्नी रितू विश्वकर्मा(34) ने गुरुवार को दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को कोल्ड्रिंक में जहर पिलाकर मार दिया था। इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने के साथ फांसी लगा ली थी। चारों का रीवा जिले के अम्बा गांव में एक साथ अंतिक संस्कार भी कर दिया गया है। जिस स्थान पर माता-पिता का दाह संस्कार किया गया। उसकी के पास दोनों बेटों को दफनाया गया।

एसआईटी ने बैंक से मांगी डिटेल, जल्द होगा खुलासा
एसआईटी ने भूपेंद्र विश्वकर्मा के खातों की डिटेल मांगी है, जिससे पता चल सके कि उसने किन-किन एप से लोन लिया था। हालांकि पुलिस को शुरूआती जांच में एप के संबंध में जानकारी मिल गई है। ये एप आॅनलाइन बिना दस्तावेजों के छोटे लोन देने का काम करता है। इस संबंध में पुलिस आरबीआई को भी पत्र लिखने की तैयारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद पूरे मामले का ख्ुालासा कर दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
परिजनों बोले एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं, सीबीआई जांच हो

मृतक के परिजनों का कहना है कि वह भोपाल पुलिस अफसरों द्वारा बनाई गई एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं है, इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में किसी भी तरह की जांच के आदेश जारी नहीं किए गए हैं।