
भोपाल में 4.94 करोड़ की लगात से लगे 283 वॉयरलेस कैमरे हटा रही ट्रैफिक पुलिस, जानिए वजह
भोपाल : राजधानी भोपाल में 13 साल पहले सिटी सर्विलांस सिस्टम के तहत लगाए गए 283 सीसीटीवी कैमरों के वायरलेस टॉवर अब खतरनाक साबित हो रहे हैं। ऐसे में अब उसे हटाने की कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी है। ये टॉवर 29 स्थानों पर लगाए गए थे, लेकिन अब न तो कैमरे काम कर रहे हैं और न ही टॉवर उपयोगी हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने इन टॉवर्स को हटाने के लिए पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) के अफसरों से भी बातचीत कर चुक है। पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस शाखा ने शहर में 16 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए थे, और बाद में अन्य क्षेत्रों में भी इन्हें बढ़ाया गया। करीब 4.94 करोड़ रुपए की लागत से 61 चौराहों पर 283 कैमरे लगाए गए, जिनमें 61 मूवेबल और 222 स्थायी कैमरे शामिल थे।
कैमरे भी खराब हुए, वॉयरलेस टॉवर हुए जर्जर
तकनीकी बदलाव और उचित रखरखाव के अभाव में ये कैमरे अब अनुपयोगी हो चुके हैं। उनके नाइट विजन सिस्टम भी खराब हो गए हैं, और उनकी मरम्मत की लागत इतनी अधिक है कि नए कैमरों की स्थापना ज्यादा फायदेमंद मानी जा रही है। कुछ टॉवर्स पहले ही निर्माण कार्यों के कारण हटा दिए गए हैं, लेकिन अन्य कई जगहों पर ये अब भी जोखिमपूर्ण बने हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
निजी कैमरों की मदद भी ले रही पुलिस
पुलिस सरकारी कैमरों के अलावा घरों में लगे निजी कैमरों की मद्द भी ले रही है। जिसको पुलिस ने मकान और दुकानदार की सहमति से अपने सर्विलियांस सिस्टम में शामिल कर लिया है। जिससे आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो जाती है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस और स्मार्ट सिटी के कैमरे भी एक्सिस पुलिस के पास ही है। इसकी मद्द से चालानी कार्रवाई भी की जाती है।





