Big Action Of Food Minister: लापरवाह ऐजेंसी पर FIR के निर्देश,किसानों को 7 दिन में भुगतान किया अनिवार्य

किसानों को भुगतान में हुई देरी पर मंत्री हुए नाराज

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Big Action Of Food Minister: लापरवाह ऐजेंसी पर FIR के निर्देश,किसानों को 7 दिन में भुगतान किया अनिवार्य

भोपाल: मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सागर जिले में चल रहे चना, मसूर, सरसों और गेहूं उपार्जन कार्य की समीक्षा के दौरान बड़ा निर्णय लेते हुए प्रशासनिक अमले को स्पष्ट संदेश दिया कि किसानों के साथ कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

समीक्षा बैठक के दौरान जब खाद्य मंत्री श्री राजपूत को जानकारी मिली कि जिले में बारदाने की कमी है, तो उन्होंने तत्काल पश्चिम बंगाल से एक पूरी ट्रेन (रैक) बारदाने की सागर भेजने की व्यवस्था कर दी। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों से ट्रकों के माध्यम से भी बारदाना मंगवाया गया। इस निर्णय से सागर जिले में बारदाने की समस्या का स्थायी समाधान हो गया है।

। मंत्री श्री राजपूत ने दो टूक कहा, प्रदेश सरकार किसानों के साथ है। जो भी अधिकारी-कर्मचारी उपार्जन व्यवस्था में बाधा बनेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

 

*किसानों को भुगतान में हुई देरी पर मंत्री हुए नाराज :*

 

मंत्री ने किसानों को भुगतान में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि उपज विक्रय के सात दिन के भीतर किसानों को भुगतान होना चाहिए। उन्होंने जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बद्येल और नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक डिप्टी कलेक्टर श्रीमती जूही गर्ग को निर्देशित किया कि इस नियम का सख्ती से पालन हो।

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*लापरवाही पर ब्लैकलिस्ट होगा ट्रांसपोर्टर, जमकर फटकारा :*

जांच में खुलासा हुआ कि चना, मसूर और सरसों में सर्वेयरों की लापरवाही, जबकि गेहूं के उपार्जन में ट्रांसपोर्टरों की सुस्ती भुगतान में देरी का मुख्य कारण है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए मंत्री राजपूत ने लापरवाह सर्वेयर उपलब्ध कराने वाली एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करने और ट्रांसपोर्टर को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए। मौके पर मौजूद ट्रांसपोर्टर को उन्होंने सार्वजनिक रूप से फटकार भी लगाई।

खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्पष्ट कहा कि उपार्जन के दौरान सभी अधिकारी फील्ड पर मौजूद रहें, किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाएं और किसी भी समिति में बारदाने की कमी न हो। उन्होंने जिले में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित कर उपार्जन कार्यों की निगरानी के निर्देश भी दिए।