बड़ी चूक आफ़त न बन जाये, बेशक़ीमती रिकार्ड रेडार पर

लापरवाही से सब हो सकता है स्वाहा..

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बड़ी चूक आफ़त न बन जाये, बेशक़ीमती रिकार्ड रेडार पर

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: “कहते हैं आग, पानी और हवा ये तीनों किसी को दूसरा मौका नहीं देते यह अपने पर आ जायें तो सब नेस्तोनाबूद और खत्म कर देते हैं। आग जला डालती है.. पानी डुबा डालता है.. हवा उड़ा ले जाती है.. बाबजूद लोग इसे हल्के में लेते हैं और लापरवाहियां करते हैं और फिर लकीर पीटते रह जाते हैं..”

ताजा मामला छतरपुर जिला मुख्यालय का है जहां जिले के सबसे सुरक्षित स्थान कलेक्ट्रेट परिसर में लापरवाही और असुरक्षा का बड़ा नजारा देखने को मिला है। जहां रखा जिलेभर का बेशक़ीमती रिकार्ड खतरे के रेडार पर है।

बड़ी चूक आफ़त न बन जाये, बेशक़ीमती रिकार्ड रेडार पर

●कलेक्ट्रेट के रिकार्ड शाखा में बड़ी चूक..
जानकारी के मुताबिक मामला जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के भू अभिलेख की रिकॉर्ड शाखा का है जहां बेशकीमती और बहुमूल्य रिकॉर्ड खतरे के रडार और निशाने पर है। दरअशल यहां पर लगे हुए अग्निशमन यंत्र 1 साल से खराब पड़े हुए हैं और उनकी डेट एक्सपायर हो चुकी है। जिम्मेदार विभाग और संबंधित एजेंसी को मौखिक और पत्र के द्वारा जरूरी सूचना और अवगत भी करा चुके हैं कि इन्हें तत्काल रिफिल किया जाए बाबजूद इसके हालात जस के तस बने हुए हैं और अब आलम यह है कि जमीनों का रिकार्ड खतरे के रेडर पर है।

●चिंता और भय के माहौल में कर्मचारी..
एक साल से यहां के बाबू कर्मचारियों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं उनका दिन का चैन और रातों की नींद उड़ी हुई है कि कहीं कोई घटना और दुर्घटना न घट जाये और आग में सब स्वाहा जो जाये।
विभागीय अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे भय के माहौल में रहते हैं उनका कहना है कि जिले भर का वर्षों पुराना और बेशकीमती रिकार्ड है।

●जरा सी आग लगने पर हो सकता सब स्वाहा..
पदस्थ कर्मचारियों की मानें तो अकस्मात आग लगने पर हमारे पास उसे बुझाने उसपर काबू पाने के लिए कुछ भी इंतज़ाम नहीं हैं। अगर कोई घटना घटती है तो मिनटों में सब स्वाहा हो जायेगा फलस्वरूप हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। ऐसे में आग लगने पर हमें यहां-वहां (कलेक्ट्रेट के अन्य विभागों) से सिलेंडर और आग बुझाने का इंतजाम करना होगा।

●शो पीस में लगे सिलेंडर..
अग्निशमन वाले लगे सिलेंडर सिर्फ शो-पीस के लिए लगे हुआ हैं। इनकीं एक्सपायरी हुए 1 साल होने को है। रिफलिंग के लिए लास्ट पत्र मार्च 2021 में लिखा था अब फिर से रिमाइंडर्स लेटर भेज रहे हैं।

बड़ी चूक आफ़त न बन जाये, बेशक़ीमती रिकार्ड रेडार पर

●नये साहब से है उम्मीद..
कर्मचारियों की मानें तो इसके पहले भी कई बार प्रशासनिक तौर पर लेटर और रिमाइंड भी करा चुके हैं। बावजूद इसके 1 साल होने को है पर नतीज़ा ज्यों का त्यों है। पूर्व कलेक्टर साहब को भी अवगत कराया था, बावजूद इसके कुछ भी नहीं हो पाया। अब उम्मीद नये कलेक्टर साहब से कि वहः इस ओर जरूर ध्यान देंगे। और शायद जल्द ही रिकार्ड सुरक्षित कर दिया जाएगा।

बाईट- रामसेवक रैकवार (रिकार्ड कीपर)

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि जब जिला मुख्यालय के सबसे बड़े और जिम्मेदार विभाग में इस तरह की बड़ी लापरवाही और बहर्राशाही है तो दूरस्थ अंचलों के क्या हाल होंगे इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।