बड़े मियां तो बड़े मियां,छोटे मियां सुभान अल्लाह…
वर्ष 1992 वर्ल्ड कप का वह मैच याद आता है, जब कपिल देव और सचिन तेंदुलकर ने कोहराम मचाया था और इमरान खान की टीम को चित किया था। उस मैच में भारत की कमान मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में थी। उस मैच में एक समय भारत ने 39.4 ओवर में 148 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे। तब ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 200 रन के अंदर ढेर हो जाएगी। तभी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए कपिल देव ने सचिन तेंदुलकर के साथ 8 ओवर में 60 रन की साझेदारी की। कपिल देव ने 2 चौके और एक छक्के की मदद से 26 गेंद में 35 रन बनाए। खास यह था कि उस मैच में दोनों टीमों की ओर से सिर्फ एक छक्का लगा था, जो कपिल देव के बल्ले से निकला था। उस मैच में सचिन तेंदुलकर ने 3 चौके की मदद से 62 गेंद में नाबाद 54 रन बनाए थे। उस मैच में अर्धशतकीय पारी खेलने वाले सचिन तेंदुलकर इकलौते बल्लेबाज थे। तब कमेंट्रेटर का कमेंट आया था कि बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह…यानि कि एक से बढ़कर एक। और दर्शक भी इससे इत्तेफाक रख रहे थे। ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का वह दृश्य मेरे मन-मस्तिष्क में भी अब तक कैद है।
ऐसा ही कुछ नजारा इन दिनों हरदा जिले की राजनीति में पिता कमल पटेल और पुत्र संदीप पटेल को लेकर है। दोनों धुआंधार पारी खेल रहे हैं। दोनों को क्रिकेट का भी शौक है। पिता राजनीति के साथ क्रिकेट पर हाथ आजमाते हैं, तो पुत्र संदीप ने तो हरदा जिले में युवाओं को खेल से जोड़ने की शानदार मुहिम छेड़ रखी है। संदीप का काम और नाम राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। पिछले सप्ताह का ही नजारा है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में प्रभारी मंत्री कमल पटेल की किक्रेट प्रैक्टिस चर्चा में रही। प्रशासन बॉलिंग कर रहा था और मंत्री कमल पटेल चौके-छक्के लगा रहे थे। देश के बाहर जहां टी-20 वर्ल्ड कप चल रहा था,वहीं मध्यप्रदेश में मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल पिच पर उतर कर चुनावी माहौल को गर्मा रहे थे। नगरीय निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद माना जा रहा है कि भाजपा कमलनाथ को उनके गढ़ में ही कमल के माध्यम से कमल खिलाकर बोल्ड करने का मन बना रही है।
तो इसके दो दिन बाद ही प्रदेश की राजधानी भोपाल में कमल स्पोर्ट्स क्लब के तत्वावधान में कन्या स्कूल मैदान बरखेड़ा भोपाल में टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता (भेल ट्रॉफी) का आयोजन शुरू किया गया। इस प्रतियोगिता के आयोजन के सूत्रकार प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहित करने वाले खेल प्रेमी एवं कमल स्पोर्ट्स क्लब व जिला ओलंपिक संघ हरदा के अध्यक्ष संदीप पटेल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी जेपी यादव रहे। पटेल ने पिच पर उतरते ही क्रिकेट खेलने का लुफ्त उठाते हुए खूब बाउंड्री मारी। चौके छक्के लगाते हुए उन्होंने क्रिकेट प्रेमियों का खूब दिल जीता।
तो यह हुई न बड़े मियां तो बड़े मियां,छोटे मियां सुभान अल्लाह वाली बात। या यूं कहें कि पिता तो पिता, पुत्र उससे भी दो कदम आगे। 9 नवंबर को कमल युवा खेल महोत्सव हरदा 2021-22 की स्मारिका का विमोचन सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कृषि मंत्री कमल पटेल और शिवराज कैबिनेट की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, जल संसाधन एवं हरदा के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के साथ शिवराज कैबिनेट के दो दर्जन से ज्यादा मंत्री गण, कमल युवा खेल महोत्सव के संयोजक संदीप पटेल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी जेपी यादव, अवनीश आचार्य समेत भोपाल और हरदा के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल युवा खेल महोत्सव के संयोजक संदीप पटेल को सफल खेल महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरदा में हर साल खेलों के इस महाकुंभ का आयोजन होना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। संदीप की जो ललक है खेलों के प्रति वह काफी सराहनीय है। मैं संदीप और उनकी पूरी टीम को स्मारिका के विमोचन के अवसर हर साल होने वाले कार्यक्रम की बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि इस खेल महोत्सव के माध्यम से निकलने वाली हमारे मध्यप्रदेश की प्रतिभाएं खेलों में प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। और इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के निवास पर मंत्री गोपाल भार्गव की उपस्थिति में संदीप ने दोनों नेताओं को स्मारिका भेंट की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा शिक्षा के साथ आज की युवा पीढ़ी को खेलों से जोड़ना भी ज़रूरी है। मोदी सरकार ने देश में वर्षों बाद शिक्षा नीति में तो बदलाव किया ही, साथ में शिक्षा के साथ खेलों में भी विद्यार्थियों को जोड़ने का प्रयत्न किया है। युवा संदीप पटेल ने हरदा में कमल युवा खेल महोत्सव का आयोजन कर एक बहुत अच्छी शुरुआत की है।
पिता-पुत्र की बात को खेल और राजनीति दोनों संदर्भ में देखा जा सकता है। यहां खेल भी राजनीति की तरफ ले जाता है और राजनीति भी खेल से जुदा नहीं है। संदीप का चेहरा हरदा में युवा राजनैतिक नेतृृत्व का पर्याय है, जो पिता की विरासत को बड़ी काबिलियत से आगे बढ़ाने को तैयार हैं। तो कमल पटेल तो राजनीति में स्थापित नाम हैं ही। जो कृषि मंत्री रहते फिलहाल खाद वितरण का हरदा मॉडल के लिए चर्चा में हैं। इनका मानना है कि नेता-नौकरशाह और सरकारी कर्मचारी-अधिकारी को सेवा देने के लिए मतदाता के घर जाना चाहिए। क्योंकि मतदाता ही लोकतंत्र का मालिक है। खैर फिलहाल बात यही है कि पिता कमल पटेल के नक्शे-कदम पर चलकर पुत्र संदीप पटेल और बेहतर करने को तैयार हैं।