उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट उज्जैन। गरीब होटल कर्मचारी के नाम से 4 बैंकों के खातो में 5 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन होने के बाद अब युवक ने उज्जैन की CSP पर रुपयों की मांग का आरोप लगाया है। सीएसपी ने युवक के आरोपों को सिरे से नकारा है।
गौरतलब है कि इस मामले में पहले ही पुलिस अधीक्षक द्वारा एक आरक्षक को सस्पेंड किया जा चुका है ।
जानिए क्या है पूरा मामला
होटल कर्मचारी राहुल पिता कैलाश मालवीय निवासी मोहन नगर उज्जैन से होटल पर आये इंदौर निवासी सौरभ ने परिचय बढ़ाया और उसके बाद राहुल को फेसबुक पर वीडियो अपलोड करने के बदले 15 हजार रुपये प्रति महीने के वेतन देने का लालच दिया। उसके चार बैंकों में खाते खुलवा लिए । राहुल फेसबुक पर वीडियो अपलोड करता रहा जबकि सौरभ ने उसके बैंक खातों का उपयोग कर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन किये । इसी बीच जानकारी लगने पर राहुल ने अपने खाते से 23 लाख रुपये निकालकर अपनी मां के नाम से एक मकान खरीद लिया।
बताया गया है कि सौरभ को जब इस बात पता चला तो उसने माधव नगर थाने के आरक्षक की मदद से दबाव डलवा कर मकान सौरभ के नाम करवा दिया गया।
पता चला है कि राहुल अपने खातों से हो रहे करोड़ों के लेनदेन से परेशान था। उसने सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत की थी ।
राहुल ने आरोप लगाया कि जब मैं इस बात की शिकायत कोतवाली थाने में करने पंहुचा तब सीएसपी मेडम ने अपने ऑफिस में बुलाकर रुपयो की मांग की । पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला ने माधवनगर थाने के आरक्षक को सस्पेंड कर दिया । हालांकि एसपी द्वारा आरक्षक पर कार्रवाई की गई है मगर देखने वाली बात यह होगी कि सीएसपी पर लगे आरोप की बात कहा तक सच है ।
SP के आदेशानुसार सीएसपी हेमलता अग्रवाल अब पुलिस पर लगे आरोपों की जांच भी कर रही हैं । राहुल ने सौरभ का मोबाइल नंबर व फोटो पुलिस को उपलब्ध कराया है लेकिन पुलिस को उसका इंदौर में कोई सुराग नहीं लग सका है। राहुल मालवीय का कहना है कि बैंक अधिकारियों के अनुसार उसके बैंक खातों से हुए 5 करोड़ के लेनदेन के तार इंटरनेशनल स्तर पर जुड़े हो सकते हैं। हालांकि सौरभ ने उसे रियल एस्टेट का रुपया होना बताया था लेकिन करोड़ों रुपये के लेनदेन के मामले में पुलिस की जांच पर बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
मामले को लेकर जब मीडियावाला ने कोतवाली सीएसपी पल्लवी शुक्ला से चर्चा की तो उन्होंने रिश्वत मांगने के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उक्त लड़का मेरे पास आया जरूर था मेरे पूछने पर उसने मुझे पूरी कहानी भी बताई, मगर एक भी दस्तावेज उसके पास उपलब्ध नहीं था । मैंने उसके नाम पते से संबंधित जानकारी ली एवं संबंधित थाना चिमनगंज में जाकर शिकायत दर्ज कराने की बात कही । इस बात के बाद मुझ पर गंभीर आरोप क्यों ओर किसके कहने से लगाएं जा रहे है, यह समझ से परे है।
कुल मिलाकर मामला उलझा हुआ लग रहा है और इसके तार कहां किस से जुड़े हुए हैं, उस संबंध में वास्तविक स्थिति का खुलासा तो पुलिस जांच से ही पता लगेगा लेकिन पुलिस को चाहिए कि वह अब इस जांच को तेज गति से करें और इसकी सच्चाई लोगों के सामने लेकर आए।