Big Question?: वीरा राणा बनी रहेंगी या कोई और अफसर बनेगा मुख्य सचिव
भोपाल: मध्य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में एक ही चर्चा है कि मध्यप्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बन जाने के बाद अब मुख्य सचिव पद पर वीरा राणा बनी रहेंगी या नहीं? वीरा 1988 बैच की IAS अफसर है और मार्च 2024 में रिटायर होंगी।
जोरों की चर्चा है कि केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से अनुराग जैन को मध्यप्रदेश वापस बुलाकर यह जिम्मेदारी दी जाएगी या फिर मध्यप्रदेश में पदस्थ किसी अन्य अफसर को यह जिम्मेदारी दी जाएगी!
पता चला है कि इसको लेकर कवायद शुरु हो गई है।
मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना शुरु कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई शुरुआत की थी। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान और मतगणना के बीच मुख्य सचिव पद पर दो बार एक्सटेंशन ले चुके इकबाल सिंह बैंस सेवानिवृत्त हो रहे थे। उस समय राज्य सरकार ने बैंस के बाद मध्यप्रदेश में पदस्थ वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव का प्रभार सौंपा था। चुनाव आयोग के अनुमोदन के बाद राणा को यह जिम्मेदारी मिली थी। तीन दिसंबर को परिणामों की घोषणा और भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ 163 सीटों पर विजय हासिल होने के 1बाद यह माना जा रहा था कि लाड़ली बहना योजना के कारण यह बहुमत हासिल हुआ है इसलिए नई सरकार मुख्य सचिव पद पर महिला आईएएस को बनाए रखेगी। लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की तीन राज्यों में बनी सरकार और वहां मुख्यमंत्री पद के लिए चौकाने वाले नाम सामने आए है तो अब यह माना जा रहा है कि नये समीकरणों में मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव के पद पर भी किसी अन्य अफसर की पदस्थापना की जा सकती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी पसंद के हिसाब से प्रशासनिक टीम में भी बदलाव कर सकते है।
यदि राज्य सरकार वीरा राणा की जगह किसी अन्य अफसर को मुख्य सचिव बनाती है तो उनके बाद मध्यप्रदेश कॉडर के आईएएस अफसरों में सबसे उपर नाम दिल्ली में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन का नाम है। अनुराग पीएमओ में भी रह चुके है। इस समय वे रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ है। उन्हें मध्यप्रदेश वापस बुलाकर यह जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। उनके ही बैच के वरिष्ठ आईएएस अफसर मध्यप्रदेश में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुलेमान और 1990 बैच के आईएएस अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा या एसएन मिश्रा को भी यह जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। अनुराग जैन यदि दिल्ली से वापस नहीं आते है तो केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ उन्हीं के बैच के आशीष उपाध्याय को भी वापस बुलाने पर विचार किया जा सकता है।