Big Scam: बिजली गिरने, सांप काटने और प्राकृतिक आपदा के नाम पर 13 जिलों में कर्मचारियों ने किया घोटाला

फर्जी नामों से, रिश्तेदारों के बैंक खातों में करोड़ों रुपए डाल सरकारी खजाने को लगाया चूना

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घोटाले

Big Scam: बिजली गिरने, सांप काटने और प्राकृतिक आपदा के नाम पर 13 जिलों में कर्मचारियों ने किया घोटाला

 

भोपाल:  सरकारी अधिकारी-कर्मचारी प्राकृतिक आपदा में प्रभावित लोगों के नाम पर भी करोड़ों की बंदरबांट कर रहे है। मध्यप्रदेश के तेरह जिलों में कलेक्टरों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, डीडीओ और जिलों के अन्य अधिकारियों कर्मचारियों ने प्राकृतिक आपदा राहत वितरण की राशि शासकीय कर्मचारियों, रिश्तेदारों और अनाधिकृत व्यक्तियों के खातों में डाल कर कपटपूर्ण रुप से 23 करोड़ 81 लाख रुपए का घोटाला किया है।

महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने अपनी जांच में तेरह जिलों में गड़बड़ी उजागर कर राज्य सरकार और इन जिलों के कलेक्टरों से जवाब मांगा है। आईएफएमआईएस में कमजोरी और डीडीओ वार सीमा को हटाने से यह गड़बड़झाला संभव हुआ है।

बताया गया है कि सिवनी जिले में सबसे अधिक 11 करोड़ 79 लाख रुपए 59 बैंक खातों में डीडीओर और दोषी कर्मचारियों ने 291 जाली स्वीकृति आदेश जारी कर हर आदेश में चार लाख रुपए अनाधिकृत व्यक्तियों के बैंक खातों में डाल दिए है। सिवनी, श्योपुर, सीहोर, शिवपुरी, देवास, छतरपुर, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, दमोह, सतना, आगर मालवा, विदिशा जिलों में कुल 93 बैंक खातों में कर्मचारियों और कर्मचारियों के रिश्तेदारों के बैंक खातों में कपटपूर्ण तरीके से 2 करोड़ 67 लाख रुपए डाल कर घोटाला किया गया है। इन्हीं तेरह जिलों में 650 बैंक खाते ऐसे भी पाए गए है जिनमें 21 करोड़ 14 लाख रुपए अनाधिकृत व्यक्तियों के बैंक खातों में कपटपूर्ण तरीके से डाले गए है।

सिवनी के अलावा शेष बारह जिलों में इन सारे भुगतानों में डीडीओ ने ई भुगतान में फर्जी नामों का इस्तेमाल किया और इन खातों में कई लेन देन किए जबकि ये खाते अलग-अलग व्यक्तियों के नामों पर पाए गए। अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों के 93 खातों में 2 करोड़ 67 लाख रुपए का कपटपूर्ण भुगतान क र दिया गया। अनाधिकृत व्यक्तियों के 650 खातों में 21 करोड़ 14 लाख रुपए का कपटपूर्ण भुगतान कर दिया। धोखाधड़ी करने के लिए अलग-अलग बैंको में एक ही व्यक्ति के दो से चार खातों का इस्तेमाल किया गया। डीडीओ ने अनधिकृत व्यक्तियों के खातों में लाभार्थियों को स्वीकृत राहत राशि का भुगतान किया।

 

*डूबने, बिजली गिरने और सर्पदंश से मृत बता 291 जाली आदेश जारी कर बांटे 11 करोड़ 64 लाख-*

सिवनी जिले में महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने केवलारी तहसील में 1 हजार 948 देयकों की जांच की तोें 81 देयकों में डूबने और बिजली गिरने के 201 और सर्पदंश के 90 जाली स्वीकृति आदेश जारी कर 11 करोड़ 64 लाख रुपए सरकारी खजाने से बांट दिए। यह राशि उन मृत व्यक्तियों के नाम पर 59 अनाधिकृत व्यक्तियों के खाते में जमा किए गए। इनमें कोई पंचनामा, पटवारी प्रतिवेदन, पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर इन देयकों के साथ संलग्न नहीं मिली।राजस्व अधिकारियों ने स्वीकृति आदेशों पर एसडीओ केवलारी के जाली संक्षिप्ताक्षर बनाकर एक ही जाली स्वीकृति आदेश से कई लेनदेन किए। रमेश नाम के व्यक्ति के खातों में 30 बार में 120 लाख और द्वारकाबाई के खातों में 29 बार में 116 लाख रुपए श्रेष्ठ अवधिया और ललित सरयाम ने डाले। कोटवारों की मजदूरी की राशि 1 लाख 84 हजार का भुगतान अनाधिकृत लोगों को कर दिया। इस पूरे मामले में महानियंत्रक की रिपोर्ट पर एक तहसीलदार और एक नायब तहसीलदार सहित चार कर्मचारियों को निलंबित किया गया और एक पर एफआईआर दर्ज की गई।

 

*कर्मचारियों और रिश्तेदारों को बांट दी राशि-*

कलेक्टर कार्यालय सीहोर, इछावर, रेहटी और आष्टा तहसीलों के दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि 45 बैँक खातों में जाली नामों का उपयोग कर 1 करोड़ 17 लाख रुपए बांट दिए गए। ई भुगतान आदेश में 45 खातों में से 11 खातों में 76 लाख 22 हजार रुपए कपटपूर्ण तरीके से तीन कर्मचारियों और उनके चार रिश्तेदारों को बांट दिए गए।श्योपुर जिले में छह खातों में एक कर्मचारी के हुई तीन रिश्तेदार शामिल थे जिनमें 15 लाख 54 हजार रुपए जमा किए गए। शिवपुरी में कर्मचारियों ने वास्तविक लाभार्थियों का नाम और खाता विवरण अनाधिकृत लोगों के साथ बदलकर 19 खातों में तहसील के आठ कर्मचारियों और उनके सात रिश्तेदारों के खातों में 41 लाख 30 हजार रुपए डाल दिए।