
Bihar Elections 2025: CM मोहन प्रभाव- जिन 26 सीटों पर गए, उनमें से 21 पर NDA की धमाकेदार बढ़त
BHOPAL: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ताजा रूझानों में एक दिलचस्प और चर्चा योग्य तथ्य सामने आया है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बिहार में किया गया चुनाव प्रचार इस बार NDA के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा बूस्टर साबित हुआ है। जिन 26 विधानसभा क्षेत्रों में उन्होंने जनसभाएं कीं, उनमें से 21 सीटों पर NDA प्रत्याशी मजबूत बढ़त बनाए हुए हैं।
यह आंकड़ा भले आधिकारिक रूप से जारी न हुआ हो, लेकिन चुनावी विश्लेषकों, जमीनी कार्यकर्ताओं और स्थानीय रिपोर्टिंग से यह पैटर्न साफ नजर आता है कि मोहन यादव की जनसभाओं ने इन क्षेत्रों में राजनीतिक हवा को decisively NDA की तरफ मोड़ा है।
▪️मोहन magic
बिहार की गर्म चुनावी जमीन पर इस बार कई बड़े चेहरे उतरे। लेकिन जो चेहरा अचानक चर्चा में है, वह है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का। शुरू में किसी ने नहीं सोचा था कि एक बाहर के राज्य का मुख्यमंत्री बिहार में इतना प्रभाव डाल देगा। लेकिन उनकी सभाओं में उमड़ी भीड़ और उसके बाद दिखे चुनावी रूझान इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस चुनाव में एक नया वाक्यांश गूंज उठा है – “मोहन मैजिक”।
▪️कैसे दिखा मोहन यादव का असर
डॉ. यादव ने जिन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया, वहां उन्होंने स्थानीय मुद्दों, विकास योजनाओं और केंद्र व राज्य की संयुक्त नीतियों को प्रभावशाली ढंग से जनता तक पहुँचाया। वह अपने भाषणों में जिस सहज शैली में आर्थिक विकास, महिला सुरक्षा, रोजगार, और युवाओं की आकांक्षाओं को जोड़ते हैं, उसने भीड़ को एक स्पष्ट विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया।

उनकी सभाओं के तुरंत बाद जिन क्षेत्रों में राजनीतिक गणित हवा बदलता दिखा, वे यह संकेत देते हैं कि उनका प्रचार सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष प्रभाव वाला अभियान था।
▪️26 सीटों का संभावित गणित
भले अभी आधिकारिक सूची उपलब्ध न हो, लेकिन जिन क्षेत्रों में उनकी सक्रिय मौजूदगी दर्ज की गई, उनमें से लगभग 21 सीटों पर NDA प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। इन सीटों में निम्न तरह के क्षेत्र शामिल हैं.
▫️कुछ शहरी-पेरिफेरी सीटें, जहाँ विकास के मुद्दे मजबूत रहे
▫️कुछ अति-पिछड़े क्षेत्र, जहाँ कल्याणकारी योजनाओं का असर दिखा
▫️कुछ राजनीतिक रूप से प्रतिस्पर्धी सीटें, जहाँ भीड़ और माहौल को NDA के पक्ष में मोड़ने में उनकी सभाओं का बड़ा रोल माना जा रहा है
▪️क्या कहता है राजनीतिक संदेश
बिहार चुनाव 2025 कई मायनों में दिलचस्प है, लेकिन मोहन यादव का प्रचार पैटर्न इस चुनाव का एक अप्रत्याशित अध्याय है. इससे BJP और NDA को बाहर के नेताओं का उपयोग करने का आत्मविश्वास मिला है।

यह संकेत भी मिलता है कि जनता सिर्फ स्थानीय समीकरण ही नहीं देख रही, बल्कि नेतृत्व की छवि और काम करने की क्षमता को प्राथमिकता दे रही है।
विपक्ष के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि सिर्फ पुराने परंपरागत समीकरणों पर चुनाव नहीं जीते जा सकते।
इस समय यह कहा जा सकता है कि बिहार के इस चुनाव में मोहन यादव का प्रचार अभियान सिर्फ एक बाहर के राज्य का नेता आकर भाषण देने वाली औपचारिकता नहीं था, बल्कि वह एक इलेक्शन मल्टीप्लायर की तरह काम करता दिखा। जिन क्षेत्रों में वह गए, वहाँ का जनमत NDA के पक्ष में मजबूती से खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। अंतिम परिणाम चाहे जो हो, लेकिन यह चुनाव एक नया सबक जरूर दे रहा है – “मैदान में माहौल बदलने के लिए कभी-कभी एक प्रभावशाली आवाज ही काफी होती है।”




