Bilkis Bano Case : बिलकिस बानो मामले के 9 दोषी घरों से ‘लापता’, पुलिस तैनात!
Dahod (Gujrat) : गुजरात दंगों के दौरान हुए बिलकिस बानो गैंगरेप के मामले में दोषी ठहराए 11 में से 9 दोषियों का कोई अता-पता नहीं। ये दोषी अपने घरों पर नहीं हैं। उनके बारे में घर वालों तक को जानकारी नहीं है। सोमवार, 8 जनवरी को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ घंटों बाद जब कुछ मीडिया वाले गुजरात के दाहोद में दोषियों के गांव राधिकापुर और सिंगवाद पहुंचे तो उनके घरों के दरवाजों पर ताले लटके थे। पुलिस ने बताया गया कि गोविंद शनिवार 6 जनवरी को घर से चला गया था। उसके घर वालों का कहना है कि वे हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग हैं, जो कि ‘अपराध कर ही नहीं सकते’ है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की आजादी की सुरक्षा और उन्हें जेल से बाहर रहने देने की याचिका को स्वीकार करने से इन्कार करते हुए कहा कि जहां कानून का शासन लागू करने की जरूरत होती है, वहां करुणा और सहानुभूति की कोई भूमिका नहीं होती। कानून के प्रभाव में लोगों का विश्वास कानून के शासन को बनाए रखने के लिए रक्षक और सहायक है।
घटना के दोषियों में से एक के पिता ने दावा किया कि उनका बेटा बेगुनाह है। दोषारोपण को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताते हुए उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि उनका बेटा हफ्तेभर पहले ही घर से चला गया था। मेरी इच्छा है और मैं प्रार्थना करता हूं कि वह अयोध्या के मंदिर प्रतिष्ठान में सेवा करे। कुछ न करने से बेहतर है सेवा करना है। जेल से रिहा होने के बाद वह कुछ भी नहीं कर रहा था।
पिता के मुताबिक, जेल जाना कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा नहीं कि वो अवैध रूप से जेल से बाहर आया था। वह कानूनी प्रक्रिया के तहत रिहा किया गया था। अब कानून ने उसे वापस अंदर जाने को कहा है तो वह वहां फिर जाएगा। वह 20 साल जेल में रहा है, इसलिए परिवार के लिए यह नई बात नहीं है।
घरों के बाहर पुलिस सुरक्षा के लिए तैनात
दोषियों के घरों के बाहर एक-एक कॉन्सटेबल को पुलिस बंदोबस्त के तहत तैनात किया गया है, ताकि किसी भी सूरत में कोई अप्रिय घटना (दोषी पक्ष, परिवार वाले, रिश्तेदात और अन्य को) का सामना न करना पड़े। गुजरात में साल 2002 में दंगे हुए थे। उस दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप का शिकार हुईं थीं। सामूहिक बलात्कार के इस मामले में 11 दोषियों की सजा माफ करने का राज्य सरकार ने फैसला दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया और सभी 11 दोषियों को दो सप्ताह में समर्पण करने का आदेश दिया है।