Biparjoy Storm : खतरनाक हो रहा ‘बिपरजॉय’ तूफान, गुजरात की तरफ बढ़ रहा!
Mumbai : बिपरजॉय तूफान अभी पोरबंदर से करीब 400 किलोमीटर दूर है। मौसम विभाग ने इसके 14-15 जून को गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने की आशंका है। इस दौरान 150 KM प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने सौराष्ट्र, कच्छ समेत 10 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। मुंबई को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। 16 जून को राजस्थान में आंधी-बारिश होने की आशंका है।
मौसम विभाग के सोमवार दोपहर 12 बजे तक के अपडेट के अनुसार, सुबह 8:30 बजे तूफान गुजरात के पोरबंदर से 320 किमी, द्वारका से 360 किमी, जखाऊ पोर्ट और नालिया से 440 किमी दूर था। तूफान के रूट बदलने के बाद SDRF की टीम ने गुजरात के तटीय इलाकों से लोगों को हटाने का काम शुरू कर दिया।
BJP ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्ष पर आयोजित होने वाली सभाओं को रद्द कर दिया है। पार्टी ने 15 जून तक की सभाएं रद्द कर दी। तूफान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक इमरजेंसी मीटिंग कर रहे हैं। इसमें गृह मंत्रालय, NDRF और सेना के अधिकारी मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह 13 जून को दिल्ली में राज्यों और यूनियन टेरिटरी के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
अनुमान लगाया गया है कि 15 जून को तूफान गुजरात जखाऊ पोर्ट से 50 किमी की दूरी से गुजरेगा। 15 जून को दोपहर तक यह जखाऊ पोर्ट से 50 किमी और नालिया से 70 किमी की दूरी से गुजरेगा। इस दौरान 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक भी जा सकती हैं। पोरबंदर के बंदरगाह पर नावों को बांध दिया गया है। मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया है।
क्या है ‘बिपरजॉय’ तूफान
बांग्लादेश ने इस तूफान को ‘बिपरजॉय’ नाम दिया है। इसका मतलब ‘विपत्ति’ या ‘आपदा’ होता है। कच्छ जिले में धारा 144 लगा दी गई है। तीन दिन के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। तूफान के असर को देखते हुए गुजरात के कच्छ, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर, गिर-सोमनाथ, द्वारका, जखौ, जाफराबाद में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
वलसाड में सतर्कता के तौर पर मरीन कमांडो की तैनाती गई है। तूफान के चलते गुजरात में अगले चार दिन तक आंधी चलेगी। सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में होगा। इसके चलते पेड़ों के टूटने, उखड़ने के साथ बिजली और टेलीफोन लाइनों के खंभों का नुकसान पहुंचने की संभावना है।