
Birth on Road: सुरक्षित संस्थागत प्रसव के दावे फेल,आदिवासी महिला की सड़क पर हुई प्रसूति!
झाबुआ से कमलेश नाहर की रिपोर्ट
झाबुआ: सुरक्षित संस्थागत प्रसव के तमाम दावों के बीच एक आदिवासी महिला की प्रसूति सड़क पर हो गई। रात्रि में एम्बुलेंस उसे लेने नही पहुंची ,ग्रामीण महिलाओं ने सड़क पर उसकी प्रसूति करवा दी । अंधेरी रात में मोटर साइकिल की हेडलाइट की रोशनी में प्रसूति हुई।
उसके बाद सूचना मिलने पर एएनएम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली।
मामला झाबुआ जिले में राणापुर तहसील के ग्राम कुंदनपुर उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आता है। ग्राम गवसर निवासी मुकेश मचार की 24 वर्षीय पत्नी सकीना मचार गर्भवती थी। सकीना अपने पिता के गृह ग्राम लंबेला में थी। , रात्रि में सकीना को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस पर कॉल किया। परंतु एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर तथा निजी वाहन नहीं होने पर लंबेला से परिजन द्वारा प्रसव हेतु पैदल ही सकीना को उप स्वास्थ्य केंद्र कुंदनपुर लाया जा रहा था। उसी दौरान सकीना को प्रसव पीड़ा कुंदनपुर के गांव बाहर भमची नदी के ब्रिज पर होने लगी। वह दर्द से छटपटाने लगी,तब उसके साथ आई महिलाओं ने उसे ब्रिज पर लिटा दिया। महिलाओं ने छाते की आड़कर प्रसव करवाया और एक बच्चे का जन्म हुआ।

वहीं इसी दौरान उक्त जानकारी लोगो को लगी तो वे भी मौके पर पहुंचे । लोगो ने स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ एएनएम क्रिस्टीना गणावा को फोन पर सूचना दी। एएनएम संबधित आवश्यक सामग्री साथ लेकर बिना वक्त गंवाए भमची नदी के ब्रिज पर पहुंची। सकीना के साथ आ रही परिवार की महिलाओं व एएनएम की सक्रियता के चलते सफल प्रसव के साथ महिला एवं बच्चे दोनों स्वस्थ है।





