
BJP- 3 Important Pending Decisions Will Now Be Taken: दिल्ली सरकार बनने के बाद MP में संगठन,सरकार और प्रशासन से जुड़े 3 लंबित फैसलों पर अब लगेगी मुहर !
सुरेश तिवारी की खास खबर
Bhopal : दिल्ली विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई। वहां मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल ने भी शपथ ले ली। अब बीजेपी के दिल्ली के बड़े नेताओं को राज्यों के उन रुके हुए कामों को हरी झंडी दिखाना है, जो दिल्ली चुनाव की वजह से रुके हुए थे। इनमें मध्यप्रदेश के भी कई मामले हैं जिनका अब निराकरण होगा। बीजेपी संगठन स्तर से सरकार और प्रशासन तक के कई फैसले रुके हुए हैं, जिनका रास्ता अब खुलेगा। अभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी प्रदेश सरकार की व्यस्तता का कारण है, उसके बाद कई रुके हुए फैसलों पर दिल्ली से मुहर लगेगी।
मध्य प्रदेश में सरकार और संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव होने की संभावना लंबे समय से जताई जा रही थी। उन अटके हुए कामों को अब गति मिलेगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मामला है बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा। वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हुए लंबा वक्त बीत गया, अभी तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ। कुछ नाम चर्चा में है, पर किसके नाम पर मुहर लगेगी, ये फैसला दिल्ली से होगा।
दूसरा मामला है, मंत्रिमंडल में हल्के से फेरबदल का। बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होना तय है। साथ ही सवा साल के परफॉर्मेंस के आधार पर 3-4 मंत्रियों के भविष्य का भी फैसला हो सकता है। इन्हें हटाया जा सकता है और उनकी जगह नए मंत्रियों को मौका मिलेगा। लेकिन, अभी यह संख्या तय नहीं है कि किन मंत्रियों को हटाया जाएगा। लेकिन, यह तय है कुछ बदलाव तो होगा ही। सवा साल के दौरान सभी मंत्रियों का परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं रहा। इसका संकेत इस बात से भी मिलता है की मुख्यमंत्री ने 18 फरवरी को राज्यपाल से सौजन्य भेंट की थी। समझा जा रहा है कि इसमें इस मुद्दे पर भी कोई बात हुई होगी।
वे फैसले जो पार्टी के दिल्ली हाईकमान की मुहर की वजह से रुके हुए हैं, उनमें एक निगम, मंडलों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्तियों का भी है। अब इसका फैसला बहुत जल्द होने वाला है। मोहन यादव सरकार के गठन को करीब सवा साल हो गए, लेकिन अभी तक निगम, मंडलों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सियां खाली पड़ी है। ये फैसला गुटीय संतुलन और पार्टी के हाशिये पर पड़े नेताओं को संतुष्ट करने के लिए किया जाता है। निश्चित रूप से यह निर्णय पार्टी के केंद्रीय संगठन की सहमति से होता है, जिसका अब समय आ गया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी में व्यस्त है। इस वजह से प्रशासनिक बदलाव भी रुक गया था, जो समिट के निपट जाने के बाद फरवरी के अंतिम सप्ताह से फिर गति पकड़ेगा। अब सारी नजरें इस पर लगी है कि प्रदेश का अगला बीजेपी अध्यक्ष कौन बनता है! निगम-मंडलों में नियुक्तियों की हलचल कब शुरू होती है और मंत्रिमंडल में कब और कैसा फेरबदल होता है! इन सारे सवालों के जवाब मिलने में अब ज्यादा समय नहीं है!





