राजस्थान के 4 धार्मिक स्थलों से 2 सितम्बर से शुरु परिवर्तन यात्राओं के लिए भाजपा ने बदली रणनीति

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राजस्थान के 4 धार्मिक स्थलों से 2 सितम्बर से शुरु परिवर्तन यात्राओं के लिए भाजपा ने बदली रणनीति

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

नई दिल्ली/जयपुर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25 सितंबर को जयपुर जिले के धानक्या कस्बे में प्रस्तावित रैली से पहले प्रदेश के चार धार्मिक स्थलों से दो सितम्बर से निकाली जानी वाली यात्राओं के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपनी रणनीति बदल कर स्थानीय नेताओं के स्थान पर केन्द्रीय नेताओं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इसकी शुरुआत कराने का फैसला किया गया है। इसका कारण प्रदेश भाजपा में गुटबाज़ी को कम करना और प्रदेश के किसी नेता के लिए यें यात्राएँ शक्ति प्रदर्शन का हथियार नहीं बने यह बताया जा रहा है।

इन यात्राओं के समापन पर भाजपा के नेता स्वर्गीय दीनदयाल जी उपाध्याय की जन्म स्थली धानक्या में 25 सितंबर को  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली होंगी।भाजपा प्रदेश की चारों दिशाओं में परिवर्तन यात्राओं के माध्यम से पार्टी के पक्ष में वातावरण बनाने के लिए यें दो सितम्बर से यें यात्राएँ निकाल रही है लेकिन इनका नेतृत्व कौन कौन नेता करेंगे उसे लेकर विवाद गहराता जा रहा था।इसे देखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के किसी नेता के लिए यें यात्राएँ शक्ति प्रदर्शन का हथियार नहीं बने। यह विचार कर ही अब इसमें व्यापक परिवर्तन कर दिया गया है। हालही में जयपुर आए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री  बीएल संतोष ने इन यात्राओं की योजना में बदलाव का निर्णय किया है।

भाजपा  द्वारा प्रदेश की चारों दिशाओं में निकाली जाने वाली इन परिवर्तित यात्राओं की जिम्मेदारी अब किसी एक नेता को देने बजाय सामूहिक जिम्मेदारी के साथ इन्हें निकालने फैसला किया है। हालांकि यात्रा की व्यवस्था के लिए संयोजक जरूर घोषित किए गए हैं। पहली यात्रा त्रिनेत्र गणेश जी मंदिर सवाई माधोपुर से 2 सितंबर से शुरू होगी जिसको पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। जबकि दूसरी यात्रा  3 सितंबर को बेणेश्वर धाम से और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा रामदेवरा और हनुमानगढ़ गोगामेडी से 4 और 5 सितंबर को यात्रा शुरू होगी इसमें  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हरी झंडी दिखाएंगे।

चारों परिवर्तन यात्राओं के समापन पर 25 सितंबर को  जयपुर में  भाजपा के नेता स्वर्गीय दीनदयाल जी की जन्म स्थली धानकिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को  बुलाए जाने की योजना और समापन मौके पर वहाँ रैली कराने की रणनीति तैयार की गई है। प्रदेश की चार दिशाओं से निकलने वाली पार्टी की इन परिवर्तन यात्राओं में 50-50  विधानसभाओं का क्षेत्र निर्धारित किया है। इसके  लिए कार्यक्रम और शेड्यूल तैयार किया गया है।

केंद्रीय संगठन पार्टी स्तर पर परिवर्तन यात्राओं के रथ तैयार  करा रही हैं। यात्रा की व्यवस्था के लिए  पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी को सवाई माधोपुर, पूर्व मंत्री चुन्नीलाल गरासिया को बेणेश्वर धाम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी को गोगामेडी और राज्यसभा सदस्य राजेंद्र गहलोत को रामदेवरा की यात्रा का संयोजक  बनाकर जिम्मेदारी देने का फैसला किया है ।

इन  चारों परिवर्तन यात्राओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ और उप नेता डॉ. सतीश पूनिया चारों यात्राओं में पार्टी के तय कार्यक्रम के अनुसार अपनी उपस्थिति देकर कार्यकर्ताओं और नेताओं को सक्रिय करेंगे।

इस परिवर्तन के पीछे जो खास कारण बताए जा रहें है वह हैकि पार्टी की आंतरिक कलह विधानसभा चुनाव के दौरान सामने नहीं आए एन वक्त पर परिवर्तन यात्रा में यह परिवर्तन किया गया है। परिवर्तन यात्रा के बाद पार्टी की गुटबाज़ी में क्या कुछ होगा यह आने वाला वक्त ही बतायेगा।राजनीतिक पण्डित बताते है कि प्रदेश भाजपा में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है ,यह संकेत काफी समय से मिल रहे हैं। इसी कारण अभी तक चुनाव प्रचार कमेटी का गठन नहीं हो पाया है। यही नहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की भाँति राजस्थान में पार्टी कमजोर विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी अभी तक अपने उम्मीदवार भी घोषित नही कर पाई है। राजस्थान में भाजपा के प्रदेश प्रभारी और सभी केंद्रीय नेता प्रदेश में भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलने का दावा कर रहे हैं।यह कहना कितना सही और कितना गलत होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है।