नई दिल्ली में भाजपा कोर कमेटी की बैठक रही अनिर्णित, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भी दिल्ली बुलाया गया

राजस्थान विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन को लेकर ऊहापोह की स्थिति

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BJP Leaders not Happy

नई दिल्ली में भाजपा कोर कमेटी की बैठक रही अनिर्णित, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भी दिल्ली बुलाया गया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड से भी विचार विमर्श करने पहुँचे नेतागण,प्रधान मंत्री की उपस्थिति में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति बैठक में अन्तिम फैसला होने की उम्मीद

गोपेंद्र नाथ भट्ट

इस साल नवम्बर दिसम्बर में देश के सबसे बड़े भौगोलिक प्रदेश राजस्थान में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को नई दिल्ली में चुनाव कोर समिति की आवश्यक बैठक की लेकिन उसमें कोई निर्णय नही हो पाया। इस बैठक के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भी दिल्ली बुलाया गया था ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जयपुर रैली के दूसरे ही दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा जयपुर पहुँचे थे और उन्होंने कोर समिति की बैठक में भाजपा उम्मीदवारों के नामों पर दो दिन तक गहन मन्थन किया था लेकिन राजनीतिक सूत्र बताते है कि वे आधी अधूरी तैयारियों से सन्तुष्ट नही हुए। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भी अपने समर्थकों को पार्टी टिकट देने की ज़ोरदार वकालत की लेकिन जयपुर में एक राय नही बनने पर कोर समिति के सदस्यों को और अधिक चर्चा के लिए नई दिल्ली बुलाया गया है। समिति के सदस्यगण रविवार को भी भाजपा उम्मीदवारों की प्रस्तावित सूची पर माथा पच्ची करेंगे।
शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी तथा अन्य नेतागण उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड से भी विचार विमर्श करने उनके निवास पर पहुँचे । धनखड जाट नेता है और उन्हें जाट राजनीति की अच्छी जानकारी है। वे स्वयं भी अलग-अलग दलों से सांसद एवं विधायक का चुनाव लड़ चुके है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धनखड के प्रदेश में बढ़ते दौरों तथा सक्रियता पर पिछलें दिनों एक बयान दिया था जिस पर धनखड ने भी अप्रत्यक्ष रूप से जन नेताओं को संविधानिक पदों की मर्यादाओं को अक्षुण रखने की नसीयत दी है।

राजस्थान भाजपा ने प्रदेश की सभी दौ सौ विधान सभा क्षेत्रों के लिए हर विधान सभा क्षेत्रवार तीन सम्भावित उम्मीदवारों की सूचियाँ तैयार की हैं जिस पर आज की बैठक में भी इन तीन-तीन उम्मीदवारों के पेनल पर गहन मन्थन किया गया।शनिवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बी एल संतोष, राजस्थान के चुनाव प्रभारी संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपीजोशी, प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा आदि नेताओं ने भाग लिया।

बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी दिल्ली बुलाया गया है। बदलते राजनीतिक हालात में यह माना जा रहा है कि अब वसुंधरा राजे की भी टिकट वितरण में राय ली जाएगी। नए राजनीतिक हालात के बाद वसुंधरा के जयपुर और दिल्ली निवास पर टिकट पाने वालों की भीड़ लगने लगी है।

ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी केंद्रीय मन्त्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारेगा।ऐसे कयास लगायें जा रहें है कि केन्द्रीय किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को बायतु विधानसभा क्षेत्र से, चूरू के सांसद राहुल कस्वा को सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र, टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया को देवली या कोटपुतली से, जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह को झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से, अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से, राजसमंद की सांसद दिया कुमारी को हवामहल जयपुर विधानसभा क्षेत्र से,, अलवर के सांसद महन्त बालकनाथ को बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जा सकता है ।

इसके अलावा 200 विधानसभा क्षेत्र पर संभावित 3-3 प्रत्याशियों की सूची पर सहमति बनी तो भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद नवरात्री के प्रारम्भ में अन्तिम सूची जारी कर सकती है।भाजपा प्रायः श्राद्ध में किसी कार्य का शुभारम्भ नही करती। रविवार को कोर समिति की बैठक के बाद अब सभी की नज़रें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति पर टिकी रहेंगी। राजनीतिक पण्डितों का मानना है कि राजस्थान के लिए इस बार घोषित होने वाली सूची लीक से हट कर हो सकती हैं हालाँकि राजस्थान में जातियों और पार्टी में अंदरूनी कलह और खेमेबाजी तथा खींचतान में पार्टी के समक्ष इन सूचियों को अन्तिम रूप देना किसी अग्नि परीक्षा से कम नही है।
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