BJP District President : भाजपा जिला अध्यक्ष को लेकर मध्यप्रदेश के कई जिलों में खींचतान के हालात!
किसी एक नाम पर सहमति न बनने या विवाद होने पर फैसला दिल्ली से होगा!
Bhopal : इन दिनों भाजपा की अंदरूनी राजनीति में जमकर खींचतान मची है। इसका कारण है जिला अध्यक्षों का चुनाव। इसके लिए जिलों में रायशुमारी की कवायद तेजी से चल पड़ी। मंडल के बाद अब सभी की नजर जिला अध्यक्षों पर लगी है। कई जिलों में खींचतान की स्थिति इसलिए बनी कि संगठन की कमान किसे सौंपी जाए इसके लिए आम सहमति नहीं बन पा रही। सांसदों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी उनकी पसंद पूछी जा रही है। सभी से बंद लिफाफे में प्राथमिकता क्रम में प्रपत्र पर तीन नाम दिए हैं। लिफाफे भोपाल में खुलेंगे और वहीं से अगले 2-3 दिन में अध्यक्ष की घोषणा होगी। जिला अध्यक्षों के नामों की सूची दिल्ली भी भेजी जा रही है।
जिला अध्यक्ष के चुनाव का ऐलान निर्वाचन अधिकारी करेंगे। विवाद अथवा किसी एक नाम पर आम सहमति की स्थिति न बनने पर संबंधित जिले का नाम होल्ड करने की तैयारी है। खासतौर पर बड़े जिले जहां अध्यक्ष पद के ज्यादा दावेदार और खींचतान बनी हुई हैं वहां नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होने तक मामला पैंडिंग करने की तैयारी है। राजधानी भोपाल में रायशुमारी पहले हो चुकी है जबकि पड़ौसी जिला नर्मदापुरम में शुक्रवार को संभागीय पर्यवेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रभारी, क्षेत्रीय सांसद, सभी विधायक और पदाधिकारी मौजूद थे। नर्मदापुरम में मौजूदा अध्यक्ष सहित करीब 18-20 दावेदार हैं। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल है। कई जिलों में अध्यक्ष को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन गई है।
पैनल में कई महिला नेत्रियों के भी नाम
भाजपा ने संगठन में 33 फीसदी महिलाओं को स्थान देने का ऐलान किया है। इसके लिए सक्रिय और पात्र नेत्रियों की तलाश भी चल रही है। इसके लिए हर जिले में प्रभारी और निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है रायशुमारी के बाद पैनल में संभव हो तो महिला दावेदारों के नाम भी शामिल करें।
बड़े नेताओं की लॉबिंग के कारण हालात बिगड़े
प्रदेश के कई जिलों में क्षेत्र के बड़े नेता अपने समर्थक के लिए लाॅबिंग कर रहे हैं। इस वजह से मंत्री, सांसद और अन्य नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। इंदौर, राजधानी भोपाल, सागर, ग्वालियर, गुना,शिवपुरी और अशोकनगर, रीवा, सतना, छतरपुर व टीकमगढ़ में सहमति के मुद्दे पर बड़े नेताओं मे खींचतान की स्थिति बनी हुई है। जिला अध्यक्ष चुनाव के लिए जिन लोगों से रायशुमारी की जानी थी उनके सामने दावेदार नेता पर्ची पर नाम लिखने आग्रह करते देखे गए।
अंदर के सूत्रों का कहना है कि बड़े जिलों में अंतिम निर्णय के पहले वहां के वरिष्ठ नेताओं से मशविरा करेंगे। सहमति न बनने पर नामों के पैनल में से किसी एक नाम का ऐलान केंद्रीय नेताओं से चर्चा करने के बाद कर दिया जाएगा। भोपाल, बालाघाट, मंदसौर, उमरिया, छिंदवाड़ा, सहित और अन्य जिला मुख्यालयों में भी रायशुमारी की प्रक्रिया के बाद चुनाव अधिकारी व पर्यवेक्षकों ने नामों के लिफाफे बंद कर दिए।