BJP: 6 दिनों से चल रही जिला अध्यक्षों के चयन की कवायद के बाद भी अंतिम निर्णय नहीं,अब सब दिल्ली में तय होगा!
भोपाल:जिला भाजपा अध्यक्षों की घोषणा को लेकर टकटकी लगाए भाजपा कार्यकर्ताओं का इंतजार लंबा होता जा रहा है। पार्टी में अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाने की लड़ाई इतनी तेज हो गई कि कई दौर की बैठकें होने के बाद भी इन पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। सोमवार का पूरा दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेताओं के बीच भोपाल में बैठकों का दौर चलता रहा। इसी बीच खबरें आती रही कि अध्यक्ष के नामों का ऐलान होने वाला है, लेकिन मंगलवार को खबर लिखे जाने तक भाजपा जिला अध्यक्षों का ऐलान नहीं कर सकी।
भोपाल से लेकर दिल्ली तक जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर कवायद जारी है। इस बीच यह अटकलें तेजी से चल रही है कि मंगलवार को 30 से ज्यादा जिलों के अध्यक्षों का चयन कर उनकी घोषणा कर दी जाएगी। इस बीच पिछले कई दिनों से चल रही इस कवायद में भाजपा अपने मूल स्वरूप से अलग दिखाई दी।
प्रदेश में संभवता पहली बार हुआ कि पिछले 6 दिनों से जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर चल रही कवायद पर अंतिम निर्णय की स्थिति नहीं बन सकी। जबकि पहले भाजपा में ऐसा नहीं होता था, भाजपा में रायशुमारी के बाद यह तय हो जाता था कि किस जिले का अध्यक्ष कौन बनेगा।
खासबात यह है कि पार्टी वीथ डिफरेंस में पठ्ठावाद हावी होता नजर आ रहा है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। यह हालात कभी कांग्रेस में हुआ करते थे, जो अब भाजपा में दिखाई दे रहे हैं। लोगों का यह भी कहना है कि इस बार यह स्थिति कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के साइड इफेक्ट है।
केंद्रीय संगठन का कितना हस्तक्षेप
सूत्रों की मानी जाए तो केंद्रीय संगठन का बहुत ज्यादा हस्तक्षेप जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर नहीं हैं। चुनावी प्रक्रिया के बीच शिवप्रकाश और सरोज पाण्डेय को जिम्मेदारी जरुरी सौंपी गई थी। इन्होंने दो जनवरी को बैठक कर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर केंद्रीय संगठन की ओर से औपचारिकता पूरी कर दी, लेकिन इसके बाद प्रदेश भाजपा के नेता ऐसे सक्रिय हुए कि जो घोषणा पांच जनवरी तक होना थी, वह सात जनवरी की दोपहर तक नहीं हो सकी। केंद्रीय संगठन भी इस बार मध्य प्रदेश भाजपा के नेताओं के बीच जो चल रहा है उसे वॉच कर रहा है।
इधर शिवराज अचानक हुए सक्रिय
शिवराज सिंह चौहान सोमवार को भोपाल में खासे सक्रिय नजर आए। इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से उनके घर जाकर मुलाकात की। वहीं वे अपने पुराने साथी प्रहलाद पटेल से मिलने भी पहुंचे। शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल के बंगले पर गए थे। दोनों ही नेताओं से शिवराज सिंह ने बंद कमरें में अलग-अलग बातचीत की। इधर जिला अध्यक्ष के चयन की खींचतान को लेकर सबसे चर्चित जिला सागर के नेता एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इन सभी मुलाकातों को भाजपा में चल रही जिला अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चयन की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।
ऐसे हो रही खींचतान
– बड़े नेता अपने समर्थक को जिला अध्यक्ष बनवाने के लिए लगा रहे जोर
– अपने ज्यादा समर्थकों को मिले जिलों की कमान, इसकी नेताओं के बीच चल रही होड़
– क्षेत्र के विधायको- सांसदों में नहीं हो रहा सामंजस्य
– कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं की वर्किंग और पंसद का नहीं हो रहा भाजपा संगठन से मेल
– निवर्तमान जिला अध्यक्ष अपने स्थान पर अपने पठ्ठे समर्थक के लिए कर रहे लॉबिंग