BJP Fueled Sikh Riots : चुनाव के 6 माह पहले बीजेपी ने कमलनाथ के सिख दंगों का मामला उठाया!

विश्वास सारंग ने कहा 'क्या, कांग्रेस सिख दंगों के आरोपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी!'

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BJP Fueled Sikh Riots : चुनाव के 6 माह पहले बीजेपी ने कमलनाथ के सिख दंगों का मामला उठाया!

Bhopal : विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ जिस तरह कांग्रेस के लिए मेहनत कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि भाजपा उन्हें किसी तरह कमजोर करने में जुट गई है। यही कारण है कि भाजपा ने कमलनाथ के खिलाफ 84 के दंगों के मामले को लेकर बयानबाजी शुरू कर दी। पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री विश्वास सारंग के ताजा बयानों से ये बात साफ़ भी हो गई है। दरअसल, भाजपा नेताओं का फोकस पूरी तरह कमलनाथ को घेरना है, ताकि कांग्रेस की चुनावी मुहिम कमजोर पड़े।

प्रदेश भाजपा संगठन के पास प्रवक्ताओं की कमी नहीं है। लेकिन, कमलनाथ के खिलाफ बयान देने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग सामने आए। उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रविवार को बकायदा पत्रकार वार्ता करके 84 के दंगों पर सवाल उठाया। सिख दंगों को लेकर सीबीआई कोर्ट द्वारा दूसरे अभियुक्त जगदीश टाईटलर के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत करने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व पर उंगली उठाई। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस सिख दंगों के आरोपी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव लड़ेगी!

सारंग ने कहा कि 2000 के बाद इस पूरे विषय पर नानावटी आयोग ने जांच की और इसके बाद सीबीआई में यह मामला गया। परंतु वहीं दुर्भाग्य यह हुआ कि 2004 में कांग्रेस की सरकार आई और उसने इस मामले में लीपा-पोती कर दी। किसी दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। 2014 के बाद इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने काम किया और उसका परिणाम निकला कि सज्जन कुमार जेल में हैं। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

उन्होंने कहा कि कल सीबीआई कोर्ट ने इस पूरे मामले में जिस दूसरे कांग्रेस के बड़े नेता का नाम आता है जगदीश टाईटलर का, उनके खिलाफ भी जार्चशीट प्रस्तुत की है। तीसरा नाम कमलनाथ का है, इसलिए निश्चित ही आने वाले समय में जो इस पूरे मामले में दोषी हैं, उनपर भी कार्यवाही होगी ऐसी उम्मीद है।

सिख समाज के विरोध के कारण प्रभारी पद से हटाया था

कमलनाथ को लेकर सिख समाज में यह बात है कि उन्होंने इस समय सिख दंगों का नेतृत्व किया था। कमलनाथ को जब 2016 में पंजाब का प्रभारी बनाया गया था, तो इसी बात का विद्रोह पंजाब में हुआ था। कांग्रेस नेतृत्व को उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रभारी के पद से हटाना पड़ा। उस समय यह बात तय हुई थी कि यदि एक नेता सिख कत्लेआम का दोषी है, तो फिर वह राजनीतिक क्षेत्र में काम कैसे कर सकता है।

दो अभियुक्त जिनकों कांग्रेस सरकार ने 1984 से लेकर अभी तक बचाने का काम किया। चाहे वह सज्जन कुमार हों या जगदीश टाईटलर हों जांच एजेंसियों की तत्परता के कारण उनको सजा मिलना निश्चित है। सज्जन कुमार जेल में हैं, जगदीश टाईटलर को भी जल्दी जेल में जाना होगा, तीसरे अभियुक्त का नाम भी तय हो चुका है कि वह सिख दंगों में शामिल थे।

सारंग ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेतृत्व से यह पूछना चाहता हॅू कि जो सिख कत्लेआम का अभियुक्त है, जिन्होंने सिख कत्लेआम किया। क्या, उनके नेतृत्व में कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस को इस बात का जवाब देना होगा कि जो व्यक्ति सिख कत्लेआम में स्वयं सामने खड़े होकर सिखों के कत्लेआम का दोषी है, जिसके दामन पर सिख दंगों के दाग हैं, क्या वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के लायक हैं।