दो लाख वोटों का खंडवा में भाजपा को हुआ नुकसान,कांग्रेस को भी कम मिले 15 हजार वोट

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भोपाल: भाजपा ने भले ही खंडवा लोकसभा के उपचुनाव में जीत दर्ज कर अपना कब्जा बरकरार रखा हो, लेकिन उसे ढाई साल में दो लाख से ज्यादा वोटों का नुकसान हो गया है। नुकसान में कांग्रेस भी रही, लेकिन उसे महज 15 हजार वोटों की पिछले चुनाव की तुलना में कम मिले।
भाजपा के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटील को उपचुनाव में 6 लाख 32 हजार 455 वोट मिले, जबकि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नंद कुमार सिंह चौहान को 8 लाख 38 हजार 909 वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में दो लाख 6 हजार 454 वोट कम मिले। वहीं कांग्रेस के राज नारायण सिंह पूरनी को 5 लाख 50 हजार 315 वोट मिले। उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस उम्मीदवार अरुण यादव से 15 हजार 251 वोट कम मिले। अरुण यादव को 5 लाख 65 हजार 566 वोट मिले थे।

*मतदान भी हुआ था कम*
पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 13 प्रतिशत मतदान यहां पर कम हुआ था। यानी करीब दो लाख वोट इस बार यहां पर कम डाले गए थे। भाजपा को कम मिले वोटों से यह माना जा रहा है कि मतदान का कम हुए प्रतिशत ने भाजपा को बहुत नुकसान किया है। उसके दो लाख 6 हजार वोट कम हो गए। इसके चलते ही पिछले चुनाव में 2 लाख 73 हजार से अधिक की जीत इस बार 82 हजार 140 वोट पर आ गई।

*पृथ्वीपुर में भाजपा ने बढ़ाए 72 हजार वोट*
पृथ्वीपुर में भाजपा ने पिछले चुनाव की तुलना में बड़ी छलांग लगाई है। यहां पर लगभग 72 हजार वोट भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा मिले। वर्ष 2018 में यहां पर भाजपा चौथे नंबर पर थी और उसे महज दस हजार 391 वोट मिले थे, लेकिन इस बार भाजपा ने यहां पर रिकॉर्ड मत प्राप्त किए। भाजपा प्रत्याशी शिशुपाल यादव को 82 हजार 673 वोट मिले। पृथ्वीपुर सीट पर अब तक हुए चार चुनावों में किसी भी दल को यह अब तक के सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि कांग्रेस ने भी पिछले चुनाव की तुलना में करीब 14 हजार ज्यादा वोट पाये हैं।