

BJP Office in Hospital : भाजपा जिला अध्यक्ष का पैर टूटा, अस्पताल को ही पार्टी दफ्तर बना लिया!
बकायदा पार्टी का बैनर लगाया, पदाधिकारी वार्ड में बैठे और बैठक हुई!
Kanpur : पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने के लिए नेता जो न करे, कम है। कानपुर (उत्तर) के नव नियुक्त भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने तो अपना पैर टूटने पर अस्पताल के वार्ड को ही भाजपा का दफ्तर बना लिया। उन्होंने वहीं पार्टी का बैनर लगाया और पदाधिकारियों की बैठक भी कर ली। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं था कि उनके इस राजनीतिक दिखावे से अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीजों को क्या परेशानी हुई होगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर जिले की एक बैठक चर्चा का विषय बन गई। पार्टी की यह बैठक किसी कार्यालय या सभागार में नहीं, बल्कि एक अस्पताल के मरीज वार्ड में हुई। जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित के पैर का ऑपरेशन क्या हुआ, अस्पताल का वार्ड अस्थायी भाजपा कार्यालय की तरह हो गया।
भाजपा ने हाल ही में कानपुर (उत्तर जिले) के नए जिला अध्यक्ष के पद पर अनिल दीक्षित को नियुक्त किया है। अध्यक्ष बनने के एक दिन बाद ही घर में सीढ़ियों से गिर गए, इससे उनकी जांघ की हड्डी टूट गई। इसके चलते उन्हें तुरंत आर्य नगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उनका ऑपरेशन हुआ और तब से वे यही भर्ती हैं।
योगी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कानपुर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। इन्हीं तैयारियों को लेकर जिला अध्यक्ष ने अस्पताल में ही पहली बैठक बुलाने का निर्णय लिया। अस्पताल के दूसरे तल पर मौजूद पेशेंट केयर वार्ड में भाजपा की भाजपा का बैनर लगाकर बैठक की गई। बैठक में करीब दो दर्जन से अधिक पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।
Also Read: Major Police Reshuffle: दिल्ली पुलिस में 17 IPS सहित 28 अफसरों का तबादला
बैठक के दौरान जिला अध्यक्ष अस्पताल के बेड पर लेटे हुए अध्यक्षता कर रहे थे। जबकि, अन्य पदाधिकारी आसपास की कुर्सियों पर बैठ गए। महिला पदाधिकारियों को बेंच पर बैठाया गया। आधे घंटे तक चली इस बैठक में पार्टी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक के बाद जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने मीडिया से कहा कि ऑपरेशन सफल रहा। डॉक्टरों ने बताया कि दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इसके बाद मुझे दस दिनों तक घर पर बेड रेस्ट करना होगा। उम्मीद है एक महीने में मैं फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सकूंगा। पार्टी का काम कभी रुकना नहीं चाहिए, इसलिए अस्पताल में ही बैठक करनी पड़ी।