विकास यात्रा के बाद विधायकों, पदाधिकारियों की मुश्कें कसेगा BJP संगठन

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Bjp Membership Campaign
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विकास यात्रा के बाद विधायकों, पदाधिकारियों की मुश्कें कसेगा BJP संगठन

भोपाल: प्रदेश में विकास यात्रा निकालने का दौर खत्म होने के बाद भाजपा का प्रदेश संगठन विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की मुश्कें कसने की तैयारी में है। सरकार की योजनाओं के साथ नेताओं के कामकाज का फीडबैक विकास यात्रा से मिल रहा है। इसलिए जहां अच्छा परफार्मेंस है वहां ऐसी ही स्थिति बनाए रखना है और जहां कमजोर स्थिति सामने आ रही है, उन विधानसभा क्षेत्रों को लेकर पार्टी की चिंता बढ़ी है। इसीलिए नेताओं के कामकाज में कसावट लाने फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले हफ्ते में पार्टी की बड़ी बैठक हो सकती है।

इस बैठक में प्रदेश के फीडबैक के साथ केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिए गए निर्देशों को बताने का काम भी किया जाएगा। पार्टी सूत्र बताते हैं कि संगठन नेताओं को एक-एक बूथ की बारीक जानकारी रखने के लिए कहेगा जिसमें बूथ में टोटल वोट के साथ महिला, एससी-एसटी वर्ग के वोटर, युवा वोटर की जानकारी होना शामिल है। जिस विधायक या नेता के पास यह जानकारी नहीं होगी, उसे बूथ पर कमजोर पकड़ वाला माना जाएगा। साथ ही संबंधित नेता के कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता भी इस मामले में मानी जाएगी। पार्टी बूथ कमेटी, पन्ना प्रमुख और वोटर लिस्ट के पेज पर वर्क पर फोकस करेगी। नेताओं से अधिकतम प्रवास पर फिर जोर दिया जाएगा और लाभार्थी वर्ग से ज्यादा से ज्यादा टच में रहने को कहा जाएगा। यह भी निर्देश दिए जाएंगे कि लोगों से पार्टी के आधार पर ही नहीं बिल्क व्यक्तिगत जुड़ाव भी बनाएं। उनके घर आना-जाना शुरू करें। संवाद के दौरान लोगों की बातें अधिक सुनें और अपनी कम बताएं।

स्नेह यात्रा व बूथ सशक्तिकरण पर भी फोकस

पार्टी की बैठक में अगले दो माह तक चलने वाली स्नेह यात्रा और बूथ विस्तारीकरण व सशक्तिकरण के कार्यक्रम पर भी फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही मोर्चा प्रकोष्ठ के तय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की रिपोर्ट भी संगठन लेगा। मोर्चों को 15 मार्च तक जिला और मंडल स्तर पर कार्यसमिति की बैठकें करने के का कार्यक्रम पहले ही तय किया जा चुका है।

कई स्थानों पर निगेटिव रिपोर्ट को लेकर सतर्कता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर निकाली जा रही विकास यात्रा के दौरान कई स्थानों पर लोगों में सरकार के कामकाज और पार्टी के नेताओं के प्रति निगेटिव फीडबैक से सरकार और संगठन दोनों ही सतर्क हुए हैं। ऐसे स्थानों पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी अहम माना जा रहा है। इसलिए भी संगठन इसको लेकर नए सिरे से प्लानिंग कर एक्शन लेने की तैयारी में है।