BJP: आज आएगी जिला अध्यक्षों की बहुप्रतीक्षित सूची,चौंकाएंगे कुछ नाम,घोषणा होते ही हो सकता है घमासान
रामानंद तिवारी की खास रिपोर्ट
भोपाल:भाजपा के संगठन चुनाव में अब जिला और शहर अध्यक्षों के नाम की घोषणा का इंतजार है। अपने समर्थक को पद दिलाने के लिए हर नेता ने पूरी ताकत लगा दी है। इस बात की संभावना है कि अध्यक्षों की नियुक्ति में प्रदेश के चुनिंदा नेताओ की पसंद को महत्व दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में जिलाध्यक्ष बनने से वंचित नेता पार्टी विरोधी विगुल फूंक सकते है। भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची आज जारी होने की पूरी संभावना है। क्योंकि जिन महानगरों में विवाद की स्थिति बनी हुई थी, उन महानगरों की खींच_तान पार्टी स्तर पर सुलझा ली गई है। इसके बावजूद एहतिहात के तौर पर कुछ नाम रोके जाएंगे, जिससे अंतर द्वंद ना हो।
प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया प्रभावित ना हो इसलिए दो सूचियों के माध्यम से 40 से 50 नामो की घोषणा होगी।
भाजपा के संगठन चुनाव में अपने समर्थक को अध्यक्ष पद पर बैठाने के लिए भाजपा के बड़े नेता पूरी ताकत लगाए हुए हैं। इसी का परिणाम है कि इस बार भाजपा में जबरदस्त कशमकश की स्थिति बन गई है। पार्टी हाईकमान जहां महिलाओं को तवज्जो देने की बात कर रहा है।
*“ मेरा समर्थक सबसे अच्छा ”*
पार्टी के प्रदेश के नेता मेरा समर्थक सबसे अच्छा के ध्येय वाक्य पर चल रहे हैं। इस समय भाजपा में भोपाल,इंदौर ग्वालियर,सागर सहित आठ जिलों में नियुक्त किए जाने वाले अध्यक्ष को लेकर सबसे ज्यादा गदर मची हुई है। अगले दो दिन के अंदर जिला अध्यक्ष के नाम की सूची जारी कर दी जाएगी।
*_“ इन तीन नेताओं का रहेगा वर्चस्व ”_*
शहर और जिला अध्यक्ष के पद के लिए तीन नाम का पैनल बनाकर दिल्ली भेजने का काम हो चुका है। अब दिल्ली से जिन नामों पर मुहर लगकर आएगी,उन नामों की घोषणा भोपाल से कर दी जाएगी। भाजपा के इस संगठन चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की पसंद को महत्व मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही इस चुनाव में कुछ नेताओं को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल सके इसके लिए उत्तरप्रदेश के प्रभावी भाजपा नेता भी सक्रिय हो गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की ओर से भी कुछ नामों को आगे बढ़ाया गया है।
*“ संघ और भाजपा नेताओं के समन्वय से तय होंगे नाम”*
भाजपा के संगठन चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं में से कुछ नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शरण में चले गए हैं। जिन नेताओं ने अब तक संघ के स्वयंसेवक के रूप में अपना ज्यादा समय देकर बेहतर कार्य किया है वह चाहते हैं कि उनके नाम को संघ की ओर से भी आगे बढ़ाया जाए। इस स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि संघ की पसंद के आधार पर भी कुछ अध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं।
*“ कुछ नामों से चौंकाएगी भाजपा”*
भाजपा में जब इस तरह के फैसले लेने की घड़ी आती है तब चौंकाने वाला नाम घोषित कर दिया जाता है। इस बार भी इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि कुछ जिलों में अध्यक्ष के पद पर पार्टी की ओर से ऐसे नाम की घोषणा कर दी जाए, जिस नाम को सुनकर सभी चौंक जाएं। अध्यक्षों की नियुक्ति में पार्टी द्वारा जातिगत समीकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही वर्तमान में अंबेडकर वाले मुद्दे के प्रभावी होने के कारण पर्याप्त संख्या में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से भी अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।