BJP: चुनिंदा जिला अध्यक्षों को ताकत देने महामंत्री का एक पद उनकी मर्जी से भरने की छूट

एक दर्जन जिलों में महामंत्री के खाली छोड़े एक-एक पद

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BJP: चुनिंदा जिला अध्यक्षों को ताकत देने महामंत्री का एक पद उनकी मर्जी से भरने की छूट

भोपाल: प्रदेश भाजपा ने कुछ चुनिंदा जिला अध्यक्षों को अपनी मर्जी से एक जिला महामंत्री बनाने की अघोषित रूप से छूट दे दी है। भाजपा संगठन ने अभी तीन दर्जन के लगभग जिला कार्यकारिणी की घोषणा की है, इनमें से एक दर्जन से ज्यादा जिला अध्यक्षों को यह अप्रत्यक्ष रूप से छूट मिली है, जबकि बाकी जिला अध्यक्षों को यह मौका नहीं दिया है। इधर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अब तक सभी संगठनात्मक जिलों की कार्यकारिणी बना नहीं सके हैं। इसके चलते कई जिलों में अब पद पाने की जोड़तोड़ बढ़ती जा रही है।

भाजपा जिला कार्यकारिणी में महामंत्री के तीन पद होते हैं। इस बार जिला कार्यकारिणी के लिए प्रदेश संगठन भारी मशक्कत कर रहा है। जिसमें उसने हर जिले में पर्यवेक्षक भेजे, उसने रिपोर्ट ली गई। पर्यवेक्षकों ने जिला अध्यक्ष सहित जिलों के प्रभारी नेताओं और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। संभाग प्रभारियों से भी अलग से नाम लिए गए। भोपाल में गुप्त स्थान पर हर जिला कार्यकारिणी बनाने को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है। यानि भारी कवायद जिला कार्यकारिणी को लेकर चल रही है।

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इतनी कवायद के बाद जिन जिलों की कार्यकारिणी बनाई गई उनसे से 13 जिलों में पार्टी की इतनी एक्सरसाईज तीन महामंत्री भी नहीं खोज सकी। रायसेन, श्योपुर, जबलपुर ग्रामीण, मैहर, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, रतलाम, अशोक नगर, दतिया, निवाड़ी, उज्जैन ग्रामीण और शहडोल जिलों में दो-दो महामंत्री बनाए गए हैं। यानि महामंत्री का एक पद खाली रखा गया है।

ऐसा माना जा रहा है कि इन जिला अध्यक्षों को अपनी पसंद से एक महामंत्री रखने की यह अप्रत्यक्ष रूप से छूट दी गई है।

 *इन जिलों के अध्यक्षों को नहीं मिलेगा मौका*

तीन दर्जन के लगभग जिला कार्यकारिणी का ऐलान किया जा चुका है। इसमें आगर मालवा, बालाघाट, भोपाल ग्रामीण, बैतूल, सीधी, मऊगंज, देवास, सागर ग्रामीण, हरदा, मंडला, दमोह, शाजापुर, उज्जैन शहर, डिंडौरी, मंदसौर, नीमच, बड़वानी, झाबुआ, रीवा, नर्मदापुरम, रायसेन जिलों में तीन-तीन महामंत्री बना दिए गए हैं।

 *विवादों में है रीवा की जिला कार्यकारिणी*

इधर रीवा जिला कार्यकारिणी दो पदाधिकारियों को लेकर विवादों में बनी हुई है। तीन साल पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जिस नेता को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, उन्हें कार्यकारिणी में जगह दी गई है। इसी तरह विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के एक रिश्तेदार को भी कार्यकारिणी में जगह दी गई है।