बीजेपी हर दस बूथ पर बनाएगी गरीब कल्याण योजना प्रभारी, शक्ति केंद्र स्तर पर होगा गठन

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बीजेपी हर दस बूथ पर बनाएगी गरीब कल्याण योजना प्रभारी, शक्ति केंद्र स्तर पर होगा गठन

भोपाल: प्रदेश में भाजपा अब हर दस बूथ पर गरीब कल्याण योजना के प्रभारी नियुक्त करेगी जो केंद्र और राज्य सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं की मानीटरिंग कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही पार्टी बूथों के साथ शक्ति केंद्रों पर भी फोकस करेगी। यह शक्ति केंद्र दस बूथों के बीच बनेंगे। गरीब कल्याण योजना प्रभारी देखेगा कि शक्ति केंद्र में शामिल बूथों के कितने मतदाताओं को गरीब कल्याण योजना का लाभ मिल रहा है और उस हितग्राही का रुझान किस दल की तरफ है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर मंडल और जिला अध्यक्षों के जरिये प्रदेश संगठन को भेजेगा।

प्रदेश में भाजपा द्वारा आने वाले महीनों में बूथ और शक्ति केंद्र स्तर पर केंद्र और राज्य सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओ के हितग्राहियों के सम्मेलन भी मंडल स्तर पर आयोजित किए जाएंगे जिसमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और स्व सहायता समूह के सम्मेलन शामिल होंगे। इस बीच संगठन द्वारा शक्ति केंद्रों के गठन का काम किया जाएगा जिसमें संयोजक, सह संयोजक, प्रभारी, आईटी प्रभारी, गरीब कल्याण योजना प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी और उन्हें किए जाने वालों कामों से भी अवगत कराया जाएगा। इसी के चलते जिलों में प्रवास के लिए निकले पार्टी के शीर्ष संगठन नेताओं ने बैठकों के दौरान शक्ति केंद्रों के गठन पर भी फोकस किया है।

बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी ने जिलों के नेताओं से कहा है कि बूथ कार्य विस्तार योजना के माध्यम से बूथों को डिजिटल करने का जो कार्य किया था, उसे अपडेट और एक्टिव करना है। साथ ही जिलों में पार्टी का वार्षिक कैलेंडर बनाया जाएगा जिसमें संगठन के कार्यक्रमों की जानकारी दर्ज होगी। साथ ही जिन कार्यकर्ताओं को पदीय दायित्व सौंपे गए हैं, उनके मंडलों में प्रवास कार्यक्रम बनाए जाने को भी कहा गया है। प्रदेश संगठन नेताओं ने जिलों के दौरे के दौरान कहा है कि हमारा प्रत्येक मंडल सक्षम और सफल मंडल बने, इस दिशा में कार्ययोजना के साथ काम करना है।

क्या होते हैं शक्ति केंद्र
प्रदेश में भाजपा अब तक मंडल स्तर(विकास खंड) पर संगठन के कामकाज की निगरानी करती रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बूथ स्तर पर पन्ना समिति बनाने के साथ 8 से 10 बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाया था। संगठन ने चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी इन्हीं शक्ति केंद्रों को दी थी। पहले मंडल स्तर के पास जो अधिकार थे, वह शक्ति केंद्रों को सौंप दिए गए। इन शक्ति केंद्र में एक संयोजक और एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी। इसके जरिये प्रदेश स्तर से लेकर हर स्तर पर सीधे शक्ति केंद्रों की निगरानी की गई और चुनाव परिणाम अपेक्षा से अधिक अच्छे आए। इसलिए अब एमपी में भी इस पर जोर दिया जा रहा है।