समाज विरोधी एनजीओ और पार्टी विरोधी वोटर्स की निगरानी करेंगे बीजेपी कार्यकर्ता

बूथ विस्तारीकरण में जिम्मेदारी पाने वाले कार्यकर्ताओं के लिए संगठन ने तय की जिम्मेदारी

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समाज विरोधी एनजीओ और पार्टी विरोधी वोटर्स की निगरानी करेंगे बीजेपी कार्यकर्ता

 

भोपाल: बीजेपी अब अपने कार्यकर्ताओं से समाज विरोधी एनजीओ और पार्टी विरोधी वोटर्स की निगरानी कराएगी। इस निगरानी के बाद होने वाले एक्शन में फर्क यह रहेगा कि समाज विरोधी एनजीओ पर एक्शन के लिए सरकार को सूचना दी जाएगी जबकि पार्टी विरोधी वोटर्स को साधने के लिए प्रबुद्धजनों, समाज के लोगों का सहारा लेकर उन्हें भाजपा से जोड़ने का काम किया जाएगा। अगले आठ तक भाजपा का हर कार्यकर्ता इसके लिए पूरी ताकत लगाकर काम करेगा।

चुनाव परिणाम में जनता का अभिमत अपने पक्ष में लाने के लिए बीजेपी सभी तरह के जतन करने की तैयारी में है। इसी तारतम्य में पार्टी द्वारा बूथ लेवल पर गठित की गई समितियों, पन्ना समितियों, पन्ना प्रभारियों के साथ अलग-अलग कार्यों के लिए बनाए गए सोशल मीडिया प्रभारियों और शक्ति केंद्र स्तर की टीमों के काम की मानीटरिंग की जाएगी। पार्टी ने 22 करणी कामों में यह साफ कर दिया है कि इन टीमों को आगामी आठ माह तक क्या काम करना है? इसी में से एक काम एनजीओ से संबंध स्थापित करना भी है। एनजीओ से संपर्क करने के दौरान अच्छे और समाज हित में काम करने वाले एनजीओ को प्रोत्साहित कराने का काम किया जाएगा जबकि समाज को बांटने वाले, समाज विरोधी गतिविधियां चलाने वाले एनजीओ की गतिविधियों की जानकारी जुटाकर समय समय पर जनप्रतिनिधियों और संगठन के उच्च पदाधिकारियो को बताने के लिए कहा गया है। इसके बाद संगठन इस मामले में सरकार के संज्ञान में लाकर अपराधिक स्थिति होने की स्थिति में कार्यवाही के लिए कहेगा।

बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि अपने बूथ पर अन्य दलों के कार्यकर्ताओं से संपर्क रखने का काम भी उन्हें करना है तथा बीजेपी की खूबियां बताते हुए उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश करना है। इसके साथ ही अन्य दलों में काम करने वाले अच्छे कार्यकर्ताओं का पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संवाद भी कराना है ताकि वे पार्टी को समझ सकें। इन कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी भी सौंपी गई है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय अन्य दलों से संपर्क रखने वाले वोटर्स पर भी निगाह रखें और उन्हें बीजेपी से जोड़ने की कोशिश में कमी न रहने दें। इन कार्यकर्ताओं को यह भी साफ किया गया है कि साल भर में अटल जयंती, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयन्ती, दीनदयाल जयंती समेत कई ऐसे अवसर हैं जब बूथ स्तर पर पार्टी के इन दिवंगत नेताओं की स्मृति में आयोजन करना ही है।