
BJP Working Committee: हेमंत खंडेलवाल की कार्यकारिणी में विधायकों और सांसदों की नो एंट्री
भोपाल: प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी में इस बार विधायकों और सांसदों को शामिल नहीं किया जाएगा। इनकी जगह पर ऐसे नेताओं को कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा जो संगठन के काम काज के लिए अपना पूरा समय दे सकें। कार्यकारिणी बनाए जाने को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक एक्सरसाइज चल रही है। विवाद में रहने वाले नेताओं को भी भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं दी जाएगी। संभवता पितृपक्ष के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अपनी कार्यकारिणी का ऐलान करेंगे। तब तक इस पर विचार विमर्श किया जाएगा।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जब अपनी कार्यकारिणी बनाई थी, उस वक्त कई ऐसे नेताओं को शामिल किया गया था तो पूर्व विधायक या पूर्व सांसद थे, लेकिन वर्ष 2023 और 2024 के चुनाव में ये विधायक या सांसद बन गए। हालांकि कुछ सांसदों और विधायकों को भी उनकी कार्यकारिणी में जगह मिल गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। हेमंत खंडेलवाल जो कार्यकारिणी बनाएंगे उसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि जनप्रतिनिधियों को संगठन के काम-काज से दूर रखा जाए और वो अपने क्षेत्र में ही ज्यादा सक्रिय रहें और वही पर वे ध्यान दें।
कार्यकारिणी में पद भी तय संख्या में ही रहेंगे। अभी जितने पद हैं, उतने ही पद रहेंगे। जिसमें उपाध्यक्षों की संख्या 14, पांच महामंत्री, एक संगठन महामंत्री, 13 मंत्री और एक-एक कार्यालय मंत्री, कोषाध्यक्ष और सह कोषाध्यक्ष बनाए जाएंगे। लगभग 35 लोगों की टीम हेमंत खंडेलवाल बनाएंगे। बताया जाता है कि कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष की केंद्रीय नेताओं से दो बार बातचीत हो चुकी है।
*जिला कार्यकारिणी बनाने में आ रहा पसीना*
इधर जिला कार्यकारिणी बनाने को लेकर पार्टी में विचार मंथन का दौर चल रहा है। जिलों से पर्यवेक्षक नाम लेकर आ चुके हैं। उन्होंने अपने लिफाफे प्रदेश संगठन को सौंप दिए हैं, लेकिन अब तक इन नामों पर कोई फैसला नहीं हो सका है। कुछ जिलों से इतने ज्यादा नाम आए हैं कि प्रदेश संगठन को भी कुछ नाम चुनने में पसीना आ रहा है। छोटे से लेकर बड़े जिलों तक में इन नामों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। पर्यवेक्षकों ने जिला अध्यक्ष के अलावा जिलों के सभी विधायकों, सांसदों से बातचीत कर ये नाम लिए हैं। कार्यकारिणी में सबसे ज्यादा जोर जिला महामंत्री के पद को लेकर है। इस पद पर सभी नेता अपने समर्थकों को काबिज करवाना चाहते हैं। कई जिलों में भाजपा के ताकतवर नेता भी हैं, वे जिले में ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को पद दिलाना चाहते हैं। प्रदेश भाजपा दफ्तर में कुछ जिलों को लेकर बैठक हो चुकी है, लेकिन अभी संगठनात्मक सभी जिलों की बैठक नहीं हो सकी है। सिंतबर के पहले सप्ताह तक कुछ जिलों की कार्यकारिणी की घोषणा की जा सकती है।
हर नाम पर होगी रही स्क्रीनिंग
पार्टी की ओर से जिलों से आए नामों में भी प्रदेश संगठन यह देख रहा है कि वे विवादाग्रस्त तो नहीं हैं। इसके साथ ही उनकी छवि को भी देखा जा रहा है। पार्टी हर एक नाम की स्क्रीनिंग कर रही है। बताया जाता है कि इसलिए ही ज्यादा समय लग रहा है। पार्टी जिले में भी किसी भी विवाद वाले कार्यकर्ता या नेता को कार्यकारिणी में शामिल नहीं रखना चाहती है।




