BJP’s Fifth List : संभावित असंतोष से बचने के लिए भाजपा की सुरक्षित लिस्ट! 

पुराने 9 मंत्रियों को फिर टिकट, 3 मंत्रियों समेत कुल 28 विधायकों को टिकट नहीं! 

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Bjp Membership Campaign
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BJP’s Fifth List : संभावित असंतोष से बचने के लिए भाजपा की सुरक्षित लिस्ट! 

– हेमंत पाल

   

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पांचवी लिस्ट के साथ ही कई जिज्ञासाओं को शांत कर दिया। पार्टी ने तीन मंत्रियों को टिकट नहीं दिया। जबकि, जयंत मलैया, माया सिंह जैसे 9 पूर्व मंत्रियों को मैदान में उतार दिया। ख़ास बात ये कि पार्टी ने किसी सांसद को विधानसभा का टिकट नहीं दिया। होशंगाबाद से भाई के सामने भाई को मैदान में उतारा गया। कुल मिलाकर ये लिस्ट सबको संतुष्ट करने वाली है। इससे यह लगता है कि पार्टी ने कोई बड़ी रिस्क से बचना चाहा है, ताकि असंतोष से बचा जा सके। ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिवपुरी सीट से टिकट देने का बहुत हल्ला था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया।

92 नाम वाली इस सूची में कुछ विधायकों और मंत्रियों के टिकट काट दिए गए। जारी नाम देखकर लगता है, कि पार्टी ने असंतोष और विरोध से बचते हुए बहुत संभलकर यह लिस्ट बनाई है। तीन मंत्रियों के टिकट जरूर काटे गए, जिनमें एक मंत्री ने खुद ही चुनाव से इंकार किया था। दूसरे मंत्री की जगह उनकी बेटी को टिकट दे दिया। अभी भी विदिशा और गुना सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई। उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट में 12 महिलाएं भी हैं।

इस लिस्ट में पांच मंत्री उषा ठाकुर, इंदर परमार, महेंद्र सिसोदिया, ब्रिजेंद्र यादव और सुरेश राठवा को फिर टिकट दिया गया। जबकि, उषा ठाकुर और महेंद्र सिंह सिसौदिया को भारी विरोध था। उषा ठाकुर खिलाफ तो महू में स्थानीय उम्मीदवार  करते हुए होर्डिंग तक लगाए गए थे। पहले कहा गया था कि खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों के टिकट कटेंगे। लेकिन, केवल एक मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट काटा गया। पूर्व मंत्रियों में माया सिंह, जयंत मलैया, नागेंद्र सिंह, अर्चना चिटनिस जैसे नेताओं को भी टिकट मिल गया। लगता है कि पार्टी ने टिकट वितरण में किसी नीति निर्धारण पर ध्यान नहीं दिया। विरोध से बचने के लिए इन्हें टिकट दे दिए गए।

पहले से लगाए जा रहे कयास के मुताबिक, इंदौर-3 सीट से कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय का टिकट काट दिया। इसके अलावा जिन तीन मंत्रियों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं, वे है ओपीएस भदौरिया जो भिंड जिले की मेहगांव सीट से विधायक हैं और शिवराज सरकार में मंत्री भी, उनका नाम लिस्ट से नदारद है। उनकी जगह राकेश शुक्ला को भाजपा ने इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। यशोधरा राजे सिंधिया ने पहले ही चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। उनकी जगह शिवपुरी से देवेन्द्र कुमार जैन को टिकट दे दिया। जबकि, बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन का टिकट काटकर पार्टी ने उनकी बेटी मौसम बिसेन को उम्मीदवार बनाया है। उज्जैन के पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय को आलोट से टिकट देकर चौंकाया है। आलोट के लोग उनका टिकट देखकर आश्चर्यचकित हुए।

इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें किसी सांसद का नाम नहीं है। लिस्ट में 9 पूर्व मंत्रियों को भी चुनाव के मैदान में उतार दिया। इनमें दमोह से जयंत मलैया, ग्वालियर (पूर्व) से माया सिंह, ग्वालियर (दक्षिण) से नारायण कुशवाहा, शमशाबाद से सूर्य प्रकाश मीणा, गुढ़ से नागेंद्र सिंह, बुरहानपुर से अर्चना चिटनिस, इंदौर-5 से महेन्द्र हार्डिया, भोजपुर से सुरेंद्र पटवा, जतारा से हरिशंकर खटीक के नाम शामिल हैं।

अब दोनों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों की काफी कुछ तस्वीर साफ़ हो गई। ये भी पता चल गया कि सीटों पर किस-किस के बीच कांटाजोड़ मुकाबले होना है। हाई प्रोफाइल सीटों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने विक्रम मस्ताल कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। छिंदवाड़ा से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने भी भाजपा के जिला अध्यक्ष बंटी साहू को उतारा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने दतिया से कांग्रेस के राजेंद्र भारती चुनाव लड़ेंगे। इंदौर-1 से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सामने कांग्रेस ने वर्तमान विधायक संजय शुक्ला को मैदान में उतारा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा को पार्टी ने फिर टिकट दिया। जबकि, वहां से कई लोगों के नाम हवा में थे। उनका मुकाबला पूर्व कांग्रेस विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम की पत्नी प्रभा गौतम से होगा। धार जिले की ही आदिवासी सीट सरदारपुर से भाजपा ने पिछला चुनाव हारे वेलसिंह भूरिया को फिर उम्मीदवार बनाया, जो अपने विवादास्पद बयानों और हरकतों के कारण चर्चित रहते हैं। उमाशंकर गुप्ता पूर्व मंत्री हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया, उनकी जगह भगवानदास सबनानी को भोपाल (दक्षिण) से टिकट दिया गया। जबकि, अलीराजपुर जिले की जोबट सीट से सुलोचना रावत की जगह उनके बेटे विशाल रावत को टिकट दिया है।

बड़वाह से कांग्रेस के विधायक सचिन बिरला को भी भाजपा ने टिकट दिया। सचिन डेढ़ साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। होशंगाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजाशंकर शर्मा के खिलाफ उनके भाई और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को टिकट दिया। पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर गुना और विदिशा विधानसभा सीट के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की। भाजपा ने सिंधिया समर्थकों को भी मौका दिया। इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रद्युम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत, डॉ प्रभुराम चौधरी और हरदीप सिंह डंग को पार्टी पहले ही टिकट दे चुकी थी। इस लिस्ट में महेंद्र सिंह सिसोदिया को भी विरोध के बावजूद टिकट दे दिया।

लहार विधानसभा सीट से नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को टक्कर देने के लिए भाजपा ने अंबरीश शर्मा को टिकट दिया। कांग्रेस के पूर्व मंत्री लखन सिंह के सामने भाजपा के मोहन सिंह राठौड़ होंगे। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के सामने कांग्रेस ने लखन सिंह पटेल को टिकट दिया है। अटेर सीट से मंत्री अरविंद भदौरिया के सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे हैं। कांग्रेस ने अजय सिंह को फिर चुरहट से टिकट दिया। उनके सामने भाजपा विधायक शरतेन्दु तिवारी हैं। जबलपुर (पश्चिम) में भाजपा सांसद राकेश सिंह का सामना कांग्रेस पूर्व मंत्री तरुण भनोट से होगा। भाजपा सांसद गणेश सिंह के सामने सतना सीट पर कांग्रेस ने फिर विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को खड़ा किया।

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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